बिहार

बिहार में समय पर नहीं हो पाएंगे नगर निकाय चुनाव, ये रही वजह

Renuka Sahu
3 April 2022 5:19 AM GMT
बिहार में समय पर नहीं हो पाएंगे नगर निकाय चुनाव, ये रही वजह
x

फाइल फोटो 

बिहार में नगर निकाय के चुनाव में देरी होने के आसार हैं। नगर निकाय चुनाव एवं पंचायत उपचुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल करने की सिफारिश की है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में नगर निकाय के चुनाव में देरी होने के आसार हैं। नगर निकाय चुनाव एवं पंचायत उपचुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल करने की सिफारिश की है। ताकि इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा सके। आयोग ने सरकार से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के न्याय-निर्णय के आलोक में ही राज्य में आगामी चुनाव कराया जाना है। उसी अनुरूप पिछड़े वर्ग के आरक्षण का अनुपात तय करना है। जानकारी के अनुसार, इसके लिए सरकार ने अपनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। नगर विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग विधि विभाग व राज्य के महाधिवक्ता से निरंतर संपर्क में है और उनसे परामर्श मांगा है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में सरकार ने विशेष कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। कमेटी की रिपोर्ट पर आगे कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा।

तकनीकी पेच से देरी की अटकलें
सूत्रों के अनुसार, तकनीकी पेच के चलते नगरपालिका चुनाव में देर होने की अटकलें लगायी जा रही हैं। जून 2022 में नगरपालिका के निर्वाचित पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इसके पूर्व अप्रैल व मई में चुनाव तैयारियां पूरी कर चुनाव सम्पन्न करा पाना मुश्किल होता जा रहा है। जनसंख्या के आधार पर वार्डो के गठन के बाद ही मतदाता सूची तैयार होगी और बूथों का गठन होगा। चुनाव को लेकर सीटों पर नगर निकायवार पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों के लिए आरक्षण तय करने होंगे। तभी चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछड़े वर्ग को अभी 20 फीसदी आरक्षण
राज्य में नगरपालिका चुनाव के तहत पिछड़े वर्ग को अभी 20 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। आयोग सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के न्याय-निर्णय के अनुसार नगर निकायों के चुनाव के पहले पिछड़े वर्ग की उप जातियों के लिए आरक्षण तय किया जाना है। इसी के आधार पर पार्षद का चुनाव होगा। इस बार नवगठित नगर निकायों, उत्क्रमित नगर निकायों और सीमा विस्तारित नगर निकायों के मेयर-डिप्टी मेयर, सभापति और उप सभापति का चुनाव भी होना है। अभी राज्य सरकार ने मेयर- डिप्टी मेयर तथा सभापति-उप सभापति के चुनाव खर्च का भी निर्धारण नहीं किया है।
राज्य में नगर निकाय
नगर निगम : 19
नगर परिषद : 89
नगर पंचायत : 155
अलग-अलग सूची बनाना भी अत्यंत कठिन : मोदी
पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि सेवा और शिक्षा में आरक्षण राजनीतिक आरक्षण से अलग है। इसलिए दोनों की सूची अलग-अलग होगी। राज्यों के पास कोई आंकड़ा नहीं है और नया आयोग बनाने का अर्थ है कि लंबे समय तक चुनाव टालने पड़ेंगे। ऐसी सूची बनाना भी अत्यंत कठिन है। 29 मार्च को उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया था।
ट्रिपल टेस्ट के आधार पर मांगी गई जानकारी
● आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से अधिक नहीं होगा
● किन जातियों को पिछड़े वर्ग के आरक्षण के लिए रखा जाए
● आरक्षण निर्धारण के लिए विशेष आयोग का गठन किया जाए
● राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज व नगर विकास विभाग से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमल करने की सिफारिश की
● पिछड़े वर्ग के आरक्षण का अनुपात तय करना है
Next Story