नगर निगम ने शहर में सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के अब ठोस निर्णय लिया
पटना: शहर में सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नगर निगम ने अब ठोस निर्णय लिया है. लोकसभा चुनाव के बाद इसके लिए निगम की अपनी फोर्स कार्रवाई करेगी. अतिक्रमण हटाओ अभियान में फोर्स को लगाने के पहले निगम उन्हें प्रशिक्षित करेगा. इसके बाद ही सड़क पर उतारा जाएगा. जवानों को प्रशिक्षण देने के लिए एक सेंटर भी बनाया जाएगा. प्रशिक्षण सेंटर में ही जवानों का बेस कैंप होगा, जहां उनके रहने की व्यवस्था होगी.
नगर आयुक्त के निर्देश पर निगम के फोर्स तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. निगम की जो अपनी फोर्स होगी उसमें सेना के पूर्व जवानों को शामिल किया जा सकता है. फोर्स के रहने और ट्रेनिंग के लिए सेंटर बनाने की जिम्मेदारी निगम के तकनीकी अधिकारियों को सौंपी गई है. वह जगह चिह्नित कर भवन निर्माण का प्रस्ताव देंगे. ट्रेनिंग सेंटर और आवास बनाने की कार्ययोजना की स्वीकृति जून तक मिलने की संभावना है. शहरी क्षेत्र में कुछ जगहों पर जमीन खाली पड़ी हुई है. इसी में कहीं ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन का चयन किया जाएगा. निगम की अपना फोर्स होने से लाभ होगा कि शहर में सालों भर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा सकेगा.
जिला नियंत्रण कक्ष से होती है तैनाती अतिक्रमण हटाने के लिए आयुक्त या डीएम के निर्देश पर पुलिसकर्मियों और मजिस्ट्रेट की तैनाती होगी है. मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मी अक्सर विधि व्यवस्था में व्यस्त रहते हैं इसीलिए अतिक्रमण अभियान 15 दिनों से अधिक नहीं चल पाता है. बीच बीच में अभियान को मजिस्ट्रेट और पुलिसवालों की कमी के कारण रोक देना पड़ता है. नगर निगम को अतिक्रमण हटाने के लिए बार-बार जिला प्रशासन को पत्र भेजना पड़ता है. इसीलिए इस समस्या के स्थायी निदान के लिए निगम ने यह निर्णय लिया है.