बिहार

Munger: मछली उत्पादन में वृद्धि से मत्स्य पालकों की आमदनी में इजाफा हुआ

Admindelhi1
18 July 2024 6:19 AM GMT
Munger: मछली उत्पादन में वृद्धि से मत्स्य पालकों की आमदनी में इजाफा हुआ
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मछली उत्पादन में पूर्वी चंपारण आत्मनिर्भरता की ओर

मुंगेर: मछली उत्पादन के क्षेत्र में पूर्वी चंपारण जिला आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है. लिहाजा मछली उत्पादन बढ़ने से दूसरे राज्यों पर इसकी आपूर्ति की मात्रा घट रही है. मछली उत्पादन में वृद्धि से जिले के मत्स्य पालकों की आमदनी में इजाफा हो रहा है.

विगत वर्ष 74.44 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन विगत वर्ष 2023-24 अंतर्गत जिले में मछली उत्पादन में वृद्धि हुई है. जिले में मछली का उत्पादन बढ़कर 74.44 हजार मीट्रिक टन पर पहुंच गया है. जो विगत वर्ष से करीब हजार मीट्रिक टन अधिक है.

आंध्रा व पश्चिम बंगाल से मात्र 2.92 हजार मीट्रिक टन मछली की आपूर्ति जिले में मछली का उत्पादन बढ़ने से दूसरे राज्यों से मछली की आपूर्ति घटी है. पहले दूसरे राज्यों पर मछली की निर्भरता अधिक रहती थी. लेकिन जिले में मछली उत्पादन बढ़ने से इसका आवक घटकर मात्र 3.92 हजार मीट्रिक टन रह गया है.

प्रत्येक साल नए तालाबों की हो रही खुदाई

जिले में हर साल सरकारी स्तर पर नए तालाब की खुदाई हो रही है. जिला मत्स्य विभाग के अलावा मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब का निर्माण हो रहा है. जिले में तालाब और जलकर की संख्या 1249 है.

तालाब व जलकर की संख्या हैं जिलेभर में

दूसरे राज्यों से मछली की आपूर्ति निर्भरती घट रही

जिला मत्स्य प्रसार अधिकारी आदित्य कुमार ने बताया कि जिले में हर साल मछली का उत्पादन बढ़ रहा है. इसके कारण दूसरे राज्यों से मछली की आपूर्ति पर निर्भरता घट रही है. मछली उत्पादन से मत्स्य पालक बेहतर कमाई कर सकते हैं.

तालाब में मछली उत्पादन से 5 से 8 लाख तक कमाई

तालाब में मछली उत्पादन से हर साल मत्स्य पालन करने वाले प्रति हेक्टेयर 5 से 8 लाख रुपए तक कमाई कर रहे हैं. तालाब में बार खुदाई से 15 से 20 साल तक मछली पालन किया जा सकता है. जिले में तालाब में रोहू, कतला, मृगल,ग्रास कार्प, कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प आदि मछली उत्पादन अधिक फायदेमंद है.

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