मुंगेर: रघुनाथपुर में नगर थाना में पदस्थापित महिला दारोगा श्वेता कुमारी पर हुए हमले के तीन दिन बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. मामले में अभी तक पुलिस कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की है. जबकि हमला से बचने के लिए दारोगा श्वेता को अपने पिस्टल से फायरिंग भी करना पड़ा था.
मालूम हो कि शाम रघुनाथपुर के लालबाबू सहनी के पुत्र विकास सहनी को पकड़ने के लिए महिला दारोगा श्वेता अपने स्कूटी से एक सहकर्मी के साथ सिविल ड्रेस में गई थी. जहां विकास को पकड़ने के दौरान उसपर असामाजिक तत्व हमला कर दिए थे. इस दौरान हमलावर से बचने के लिए दारोगा ने अपने पिस्टल से विकास के दरवाजे पर फायरिंग की थी. सूचना पर रघुनाथपुर पुलिस व नगर पुलिस पहुंच दारोगा को थाना लाई थी. घटना के बाद से विकास के परिजन घर छोड़ फरार हैं. लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई करवाई नहीं की है. चर्चा है कि जब हमला हुआ, बचाव में गोली चलानी पड़ी तो फिर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हुआ. जबकि दूसरी ओर डुमरिया घाट थाना के दारोगा धर्मेंद्र कुमार पर हमला हुआ था. जिसमें उन्होंने बचाव में फायरिंग किया था. उस मामले में उन्हें बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया. उसी रात एक दर्जन से अधिक हमलावर को पुलिस गिरफ्तार किया. इस संबंध में रघुनाथपुर थानाध्यक्ष विकास कुमार पासवान ने बताया कि अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.
थानाध्यक्ष ने किया पदभार ग्रहण: आदापुर थाने में नव पदस्थापित थानाध्यक्ष के रूप में धर्मवीर कुमार चौधरी ने कार्यभार ग्रहण किया है. वे नए बैच के पीएसआई हैं. सीआईएसएफ में बतौर एएसआई नौ वर्षों का अनुभव रहा है.
भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में नारकोटिक्स व शराब पर पूर्णत: अंकुश लगाए रखने के साथ ही तस्करों के सिंडिकेट, भूमाफिया व शराब कारोबारियों पर लगाम रखना नव पदस्थापित थानाध्यक्ष के लिए मुख्य प्राथमिकता होगी.