मुंगेर न्यूज़: सदर अस्पताल में एमआरआई (मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) जांच की सुविधा नहीं रहने के कारण मरीज को शहर के एक निजी क्लीनिक या पटना अथवा भागलपुर जाकर 7 से 8 हजार रुपये खर्च कर एमआरआई जांच कराना पड़ रही है.सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मिशन-60 और मिशन क्वालिटी अभियान चलाया गया.मिशन-60 अभियान के दौरान अस्पताल की आधारभूत संरचना को सूदृढ करते हुए मिशन क्वालिटी के तहत मरीजों की जांच व इलाज के लिये अस्पतालों में हरसंभव उपकरण व जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई.
सदर अस्पताल में मरीजों के लिए एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच की निशुल्क व्यवस्था है.इसके अलावा पीपीई मोड पर डायलिसिस और सिटी स्कैन की भी सुविधा उपलब्ध है.परंतु एमआरआई (मैगनेटिक रिजोनेंस इमेजिंग) जांच की सुविधा सदर अस्पताल में नहीं रहने के कारण स्पाइनल डिजीज और ब्रेन ट्यूमर के मरीज शहर के प्राइवेट निजी क्लीनिक में या पटना अथवा भागलपुर जाकर एमआरआई जांच कराने को विवश हैं.निजी क्लीनिक में एमआरआई जांच कराने में मरीज को 7 से 8 हजार रुपया खर्च करना पड़ता है.जबकि भागलपुर या पटना के सरकारी अस्पताल में एमआरआई जांच के लिए मरीज को समय के साथ आने जाने का अतिरिक्त भाड़ा की राशि खर्च करनी पड़ती है.हालांकि राज्य सरकार द्वारा मुंगेर सदर अस्पताल में पूर्व में एमआरआई जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिख कर निर्देशित किया था.हालांकि अस्पताल उपाधीक्षक डा.रमण कुमार बताते हैं कि अस्पताल में पीपीई मोड पर एमआरआई जांच के लिए प्रस्ताव बना कर विभाग को भेजा गया है.
स्पाइनल डिजीज या ब्रेन ट्यूमर जांच को है जरूरी: सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि स्पाइनज डिजीज, बोन डिजीज या ब्रेन ट्यूमर के मरीज का एमआरआई टेस्ट कराया जाता है.एमआरआई टेस्ट में उक्त बीमारी का सटीक पता पाता है और जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीज का उपचार संभव हो पाता है.सदर अस्पताल में एमआरआई जांच की सुविधा आवश्यक है.क्योंकि यहां समूचे जिला के पीएचसी से रेफर होकर गंभीर बीमारी के मरीज पहुंचते हैं.ऐसे में मरीज के बीमारी की सटीक जानकारी के लिए एमआरआई जांच जरूरी है.