बेगूसराय न्यूज़: जीवन में कुछ नया करने सोच हो, तो इंसान कुछ बेहतर करने में कामयाब हो जाता. यह कामयाबी समाज के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का काम करता है. बक्सर जिले के नावानगर प्रखंड के गिरधर बरांव गांव के मां-बेटे ने कॉपी उद्योग लगा अपनी किस्मत बदल रहे है. दो माह पहले शुरु हुआ कॉपी उद्योग अब सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगा है. नावानगर प्रखंड के गिरधर बरांव गांव की गिरिजा देवी ने अपने पुत्र नीतीश कुमार को बीएड कराया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नीतीश के दिल में कुछ नया करने की चाहत हिलोरे ले रही थी. मां-बेटे ने मशवरा कर कॉपी उद्योग लगाने का फैसला लिया था. लेकिन उद्योग की स्थापना में पूंजी आड़े आ रही थी. गिरिजा देवी ने जीविका से कुछ लोन लिया और शेष अपनी जमापूंजी लगा कॉपी उद्योग स्थापित की. इस पर कुल दस लाख की राशि खर्च हुई. मशीनें दिल्ली से गिरधर बरांव पहुंची और मैटेरियल पटना लाया गया. दो माह पहले मां-बेटे ने मिलकर कॉपी उद्योग की शुरुआत की.
तेजी से गंवई बाजार में बढ़ने लगा डिमांड गिरधर बरांव गांव में तैयार होने वाले कॉपी का डिमांड अब तेजी से गंवई बाजार में बढ़ने लगा है. नीतीश ने बताया कि फिलहाल यहां दस तरह के कॉपी का निर्माण हो रहा है. यहां दस रुपये से लेकर एक सौ रुपये मूल्य के कॉपी तैयार हो रहा है. उसका मानना है कि बड़े शहरों से आने वाले कॉपी की तुलना में उनकी कॉपी की कीमत कम है. जिसका लाभ आम छात्रों को मिल रहा है. यही कारण है कि धीरे-धीरे बाजार में डिमांड बढ़ रहा है. इस उद्योग में गांव के आठ लोगों को रोजगार का अवसर मिल रहा है. अपनी मेहनत के बदौलत सफलता की कहानी गढ़ने वाले मां-बेटे को इस बात की उम्मीद है कि उनके उद्योग का विस्तार होगा जिससे उनकी आर्थिक बदहाली भी दूर होगी.