लंबे समय से औषधि विभाग में आधे से अधिक इंस्पेक्टर के पद खाली
गया: जिले भर में दवा के कारोबार पर विभाग की पैनी नजर है. लेकिन, लगातार दुकानों की जांच और कार्रवाई करने में संसाधन की कमी बाधा बन रही है. जिला औषधि विभाग का सबसे महत्वपूर्ण ड्रग इंस्पेक्टर की कमी है.
लंबे समय से आधा से अधिक पद खाली है. इसके कारण खासकर ग्रामीण इलाकों में दवा दुकानों की जांच सहित अन्य काम प्रभावित हो रहे हैं. इसका खामियाजा आम लोगों के साथ-साथ विभाग को उठानी पड़ रही है. हालांकि सूबे में खाली पड़े इंस्पेक्टर के पदों पर बहाली के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा ली जाएगी. बहुत जल्द खाली पदों पर औषिध निरीक्षक नजर आएंगे. जिला औषधि नियंत्रक विजय कुमार ने बताया कि शुरुआती दौर से ही इंस्पेक्टर के पद रिक्त हैं. सृजित सात में महज तीन ही काम कर रहे हैं. सात आदमी का काम तीन पर है. आधे से अधिक पद खाली रहने के कारण काम प्रभावित हो रहे हैं. खासकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निरीक्षण,जांच या कार्रवाई करने में दिक्कत हो रही है. बताया कि वर्तमान में तीनों निरीक्षकों पर अतिरिक्त प्रभार देकर काम चलाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में काम प्रभावित हो रहा है. अपडेट होने में दिक्कत हो रही है. इंस्पेक्टर के खाली पदों पर बहाली के लिए सरकार गंभीर है. बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा ली जा चुकी है. बताया कि इसी माह सार्टिफिकेट की जांच हुई. इसके बाद साक्षात्मकार होगा.
11 स्थानों पर जाम से बचाव के होंगे उपाय: गया में जाम से बचाव के लिए पहले चरण में 11 स्थानों का चयन किया गया है. इन जगहों पर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से व्यवस्था की जाएगी. मंत्री प्रेम कुमार के निर्देश पर ट्रैफिक डीएसपी निशु मलिक, थानाध्यक्ष मनोज कुमार, पशु कल्याण प्रतिनिधि विकास कुमार और मंत्री के प्रतिनिधि धनंजय कुमार आदि ने बैठक की. समस्या के निदान के लिए काशाीनाथ मोड, एपीआर मॉल, जेपी गोलंबर के पास जेब्रा क्रॉसिंग बनाने की बात हुई. इसके अलावा गेवालबिगहा, मिर्जा गालिब कॉलेज, शाहमीर तक्या, मंगलागौरी आदि स्थानों पर व्यवस्था करने पर चर्चा हुई. स्पॉट पर पहुंचकर सबों ने जाम की समस्या को समझा.