मुंगेर न्यूज़: मनरेगा योजना में जमालपुर प्रखंड के पांच हजार से अधिक फर्जी मजदूरों का जॉब कार्ड विभाग ने रद्द कर दिया है. दरअसल जॉब कार्ड के आधार से सीडिंग के दौरान सामने आई सच्चाई और तथ्यों को देखते हुए ऐसे जॉब कार्डधारी, जो लंबे समय से योजना में विभिन्न वजहों से काम नहीं कर रहे हैं का निबंधन रद्द कर दिया है. ऐसे मजदूरों की संख्या मनरेगा योजना में सिर्फ दिखावटी साबित हो रही थी. इससे योजना का आंकड़ा खराब होता दिख रहा था. फिलहाल जॉब कार्ड के सत्यापन का काम चल रहा है. विभागीय जानकारों का मानना है कि जांच में आगे और भी हजारों फर्जी जॉब कार्ड का मामला सामने आएगा. प्रखंड भर में हजारों फर्जी जॉब कार्ड बनाकर अब तक अवैध निकासी का खेल खेलते रहे हैं. लेकिन विभाग ने मनरेगा की गड़बड़ियों की जड़ पर हमला करने का निर्णय लिया है. पहले चरण में फर्जी जॉब कार्डधारियों पर यह कार्रवाई की शुरुआत मात्र बताया जा रहा है. जांच में फर्जी व अवैध पाए गए 5000 जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है. इसके तहत निबंधित मजदूरों की संख्या जमालपुर में अब 6000 के आसपास पहुंच गई है. दरअसल जांच में ज्यादातर जॉब कार्ड फर्जी या दोहरे पाए जाने पर विभाग ने उक्त आशय की कार्रवाई की है. जांच में यह भी बात सामने आई है कि कुछ मजदूर राज्य से लंबे समय से बाहर हैं और पिछले तीन सालों में मनरेगा के तहत एक दिन भी काम नहीं किया है, ऐसे मजदूरों कि भी जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है. उसके बाद आगे की कार्रवाई जारी है
कार्ड को आधार से लिंक करना हुआ अनिवार्य
जमालपुर में कुल मनरेगा मजदूरों में अबतक 6000 मजदूर ऐसे पाए गए जिनका जॉब कार्ड योग्य था. शेष जॉब कार्ड का सत्यापन चल रहा है. अभी और भी जॉब कार्ड रद्द होने की संभावना है. इस संबंध में प्रोग्राम पदाधिकारी रमण जी भाई ने बताया कि नये प्रावधान के अनुसार ऐसे मजदूरों को ही मनरेगा के तहत किए गए कार्य का भुगतान होना है. जिनका जॉब कार्ड आधार से लिंक है. सभी सक्रिय मजदूरों के कार्ड को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता कर दी गई है, इसीलिए प्रखंड में अभियान के तौर पर यह काम किया जा रहा है.