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भागलपुर जिले के नवगछिया के रंगरा प्रखंड अंतर्गत तीनटंगा दियरा के झल्लू दासटोला दुर्गा मंदिर मध्य विद्यालय के 30 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राएं गुरुवार को मध्याह्न भोजन खाने के बाद बीमार हो गए। बच्चे उल्टी-दस्त करने लगे। बच्चों की हालत बिगड़ने पर विद्यालय में अफरा-तफरी मच गयी। बच्चों की हालत बिगड़ने पर विद्यालय में अफरा-तफरी मच गयी। इनमें 10-12 बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब है। इन बच्चों का रंगरा पीएचसी में इलाज चल रहा है। अधिकतर बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा कर घर भेज दिया गया है।
बताया गया कि घटना की सूचना शिक्षकों ने छात्रों के अभिभावकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी। इसके बाद लोगों ने बच्चों को निजी और सरकारी चिकित्सालय पहुंचाया। पहले बच्चों का इलाज दियरा में एक निजी चिकित्सक के यहां हुआ बाद में रंगरा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. रंजन एंबुलेंस से बच्चों को रंगरा पीएचसी लेकर आए, जहां बच्चों का इलाज चल रहा है।
गुरुवार को मध्याह्न भोजन में तालिका के अनुसार चावल, दाल और सब्जी बच्चों को खिलाया गया। खाना खाने के कुछ देर बाद कुछ बच्चों उल्टी होने लगी। उनमें अंकुश कुमार कक्षा 4, संजना कुमारी कक्षा 5, प्रिंस कुमार कक्षा 3, अजय कुमार सहित कई बच्चे बीमार हो गए। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने उन बच्चों को तिरासी के एक निजी चिकित्सालय और रंगरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
प्रभारी प्रधानाध्यापक रामावतार पासवान ने बताया कि घटना की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दी गई है। मध्याह्न भोजन किस तरह से बनाया गया था हम लोग भी जांच कर रहे हैं। वहीं डॉ रंजन ने बताया कि बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए हैं। सभी को स्लाइन किया जा रहा है। सभी की हालत स्थिर है।
ग्रामीणों ने कहा कि सड़ा चावल खिलाते है शिक्षक :
बच्चों के बीमार पड़ने के बाद उनके परिजन आक्रोशित हैं। परिजनों का कहना है कि बच्चों की इस स्थिति के लिए प्रधानाध्यापक जिम्मेदार हैं। अभिभावक आनिल मण्डल ने बताया कि स्कूल में बच्चों को सड़ा हुआ पिल्लू वाला चावल खिलाया जाता है। कई बार शिकायत की लेकिन कुछ नहीं होता है। वहीं सुनील मण्डल ने कहा कि शिक्षक लोग बढ़िया चावल बेचकर गंदा चावल बच्चों को खिलते हैं, जिससे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।
HARRY
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