बिहार

काम नहीं मिलने से खराब स्थिति में हैं मनरेगा मजदूर

Admin Delhi 1
4 May 2023 1:46 PM GMT
काम नहीं मिलने से खराब स्थिति में हैं मनरेगा मजदूर
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कटिहार न्यूज़: मजदूरों को रोज दिन काम मिले तो उनकी तस्वीर बदल सकती है, जबकि सप्ताह में 2 से 3 दिन काम मिलता है और बाकी दिन बैठकर समय काटना पड़ता है. इससे उनके सामने कई विकट परिस्थिति पैदा होती हैं. 3 दिन की मजदूरी में 7 दिन घर परिवार को चलाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.

पूर्व संध्या पर यहां जब मजदूरों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनके दर्द का अंत नहीं दिखा. मजदूरों ने बताया कि उनके सामने कई विकट परिस्थितियां हैं. सरकारी स्तर पर काम नहीं मिलता. कभी कभार मनरेगा के तहत काम कराया जाता है, तो वह भी मात्र कुछ दिनों का ही होता है.

वे कमाते हैं तो उसी से सुबह शाम का चूल्हा जलता है. मनरेगा के तहत काम करने से उन्हें हाथों-हाथ मजदूरी नहीं मिलती. एक तो सरकारी स्तर पर मजदूरी काफी कम है. वह भी समय से नहीं मिलने के कारण विकट परिस्थिति पैदा हो जाती है. दुकानदार राशन उधार देना नहीं चाहता. दिनभर कठिन परिश्रम करने के बावजूद शाम को हाथ में पैसे नहीं मिलते. मजदूरों का कहना है कि उन्हें सरकारी मजदूरी खाते पड़ जाती है और उसे पाने के लिए एक से 2 महीने तक इंतजार करना पड़ता है. उनके पास इतनी पूंजी कहां कि 2 महीने तक घर परिवार को चला सके.

10 फीसदी जॉब कार्डधारी को ही मिल रहा काम हैरत की बात यह है कि जॉब कार्ड मिलने के बावजूद मात्र 10 फीसदी मजदूर को ही सरकारी अवसर पर काम मिल रहा है. वह भी कभी-कभार. मजदूरों का कहना है कि उनके जॉब कार्ड बने, लेकिन वह कहां हैं और किस के पास वह पता नहीं. अधिकतर मजदूरों को तो पता भी नहीं की उनके जॉब कार्ड है.

मजदूरों ने बताया कि ऑनलाइन मजदूरी के कारण भी समस्याएं आ रही हैं. जब कभी सर्वर डाउन रहता है या नेट काम नहीं करता तो उनकी हाजिरी नहीं बन पाती.

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