बिहार

प्रभारी मंत्री ने की बाढ़ और सुखाड़ के स्थिति की समीक्षा, दिये निर्देश

Shantanu Roy
1 Sep 2022 6:17 PM GMT
प्रभारी मंत्री ने की बाढ़ और सुखाड़ के स्थिति की समीक्षा, दिये निर्देश
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बेगूसराय। बिहार सरकार के विधि मंत्री-सह-बेगूसराय के प्रभारी मंत्री डॉ. शमीम अहमद की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय स्थित कारगिल विजय भवन में बाढ़ अनुश्रवण से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। प्रभारी मंत्री ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि से उत्पन्न परिस्थितियों मद्देनजर पूरी तरह से सतर्क होने के साथ-साथ बाढ़ एवं सुखाड़ से प्रभावित व्यक्तियों को सभी आवश्यक राहत एवं सरकार द्वारा निर्धारित अनुदान पहुंचाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। राज्य के खजाना पर आपदा प्रभावित व्यक्तियों का पहला हक है, इसलिए बाढ़ या सुखाड़ से प्रभावितों को हरसंभव राहत मुहैया कराई जाएगी। समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारियों को बाढ़ या सुखाड़ से प्रभावित व्यक्तियों को सरकार द्वारा निर्धारित राहत उपलब्ध करान तथा पारदर्शिता के साथ प्रभावित व्यक्तियों के संबंध में त्रुटिरहित रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। उन्होंने वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराने, सामुदायिक किचन एवं मैडिकल कैंप का संचालन करने, मवेशियों के लिए चारा एवं दवाई आदि की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया। मंत्री ने तेघड़ा एवं मटिहानी अंचल में विस्थापित लोगों को बसाने के संबंध में लंबित कार्यों को तत्परता से पूरा करने तथा नाविकों के लंबित मामलों के भुगतान के संबंध में भी आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इससे पूर्व डीएम रोशन कुशवाहा ने जिले में संभावित बाढ़, अतिवृष्टि, सुखाड़ के मद्देनजर की गई पूर्व तैयारियों के साथ हाल के दिनों में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि से उत्पन्न परिस्थितियों में जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। डीएम ने बताया कि वर्तमान में हाथीदह के समीप गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान से अधिक है, लेकिन संभावना है कि एक से दो दिनों में जलस्तर में कमी आ जाएगी। जिले में 281 नाव उपलब्ध हैं, जिसमें से अभी 21 नावों का निःशुल्क परिचालन बलिया, तेघड़ा, साहेबपुरकमाल, शाम्हो एवं मटिहानी में किया जा रहा है। जिले में 24032 पॉलिथीन शीट, 195 टेंट, दो महाजाल एवं 80 लाइफ जैकेट उपलब्ध हैं। 170 राहत एवं बचाव दल का गठन कर लिया गया है, 74 राहत शिविर एवं 175 सामुदायिक रसोई केंद्र चिन्हित कर आवश्यक तैयारियां की गई है तथा प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक किचन चलाने के निर्देश दिए गए हैं। पशु दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तथा पशुचारा के क्रय के लिए निविदा कर दर का निर्धारण कर लिया गया है। मानव दवा की व्यवस्था, मोबाईल मेडिकल टीम एवं मेडिकल कैंप के लिए आवश्यक एक्शन प्लान तैयार है तथा नाव के माध्यम से मेडिकल टीम को मूवमेंट करने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, वृद्धजनों, दिव्यांगजनों का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।
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