मधुबनी न्यूज़: जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है. तापमान प्रतिदिन 40 के पार पहुंच रही है. इस भीषण गर्मी की वजह से दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में काफी कमी आई है. एक आकलन के मुताविक अत्यधिक गर्मी पड़ने की वजह से करीब 30 प्रतिशत तक दूध का उत्पादन घटा है. पशुपालकों की आय में कमी आई है. लगातार पड़ रही गर्मी और लू चलने की वजह से पशु बीमार भी हो रहे हैं. एक आकलन के मुताविक जिले में करीब पांच लाख से अधिक दुधारू पशु हैं. इसमें से करीब दो लाख से अधिक शंकर नस्ल की पशुएं हैं. पशुपालक रविकांत झा, दुखमोचन यादव, बबलू तिवारी, मुरारी शर्मा आदि ने बताया कि गाय और भैंस के दूध में भारी कमी आ गई है. जिन गायों के दूध दिनभर में 10 लीटर के करीब हो रहा था, उन गायों के दूध अब सिर्फ सात से आठ लीटर पर सिमट गया है. पशुपालक शिवकुमार मंडल, हलखोरी मोची, शिवकुमार मंडल आदि ने बताया इस भीषण गर्मी में पशु के लिए हरा चारा का भी संकट उत्पन्न हो गया है. किसानों के खेत में ही हरा चारा पानी नहीं होने की वजह से बर्बाद हो रहा है. कुल मिलाकर हरा चारा के संकट से पशुपालक जूझ रहे हैं. सुधा दूध शीतक केन्द्र के प्रभारी पदाधिकारी विभव कुमार सिंह ने बताया कि दूध कलेक्शन में भी करीब 25 प्रतिशत तक कमी आई है. हर दूध कलेक्शन सेंटर से पशुपालकों की शिकायत है कि उनके पशुओं के दूध उत्पादन में कमी आई है.
गर्मी में इस तरह से करें पशुओं का बचाव
पशुशाला में शुद्ध हवा जाने और दूषित हवा बाहर निकलने के लिये रोशनदान जरूर हो. गर्मी के दिनों में पशु को दिन में नहलाना चाहिए. खासतौर पर भैंसों को ठंडे पानी से प्रतिदिन जरूर नहलाएं. पशु को ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना चाहिए. पशुओं की टीन या कम ऊंचाई वाली छत के नीचे नहीं रखना चाहिए. अगर पशुशेड की छत नीचे है तो उसके ऊपर तेज धूप रोकने के लिए कुछ जरूर डाल दें.