सदर अस्पताल में बाहर से खरीदनी पड़ती दवाएं, अस्पताल बना बदहाल
गोपालगंज: यूं तो गोपालगंज जिला हमेशा सुर्खियों में रहा है
इस गोपालगंज की धरती ने बिहार को तीन तीन मुख्य मंत्री सौगात की सौगात दी है,पर विडम्बना रही कि गोपालगंज जिले का अपेक्षाकृत विकास कम रहा
एक ही परिवार से लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, पति पत्नी बिहार के मुख्यमंत्री रहे और अब उसी परिवार के एक सदस्य तेजस्वी प्रसाद यादव बिहार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री भी हैं
गोपालगंज में स्वास्थ्य सेवाएं भी लचर हैं
बहुतेरे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में न तो अल्ट्रासाउंड है न ही एक्स-रे की मशीन
गोपालगंज सदर अस्पताल के भवन चकाचक हैं पर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद हैं
दूर दराज से बीमारी से पीड़ित मरीज भरोसा कर इलाज के लिए सदर अस्पताल गोपालगंज आते हैं
मरीजों की पर्ची कट जाती है और डाक्टर मरीजों का चेक अप भी कर देते हैं
पर उसके बाद मरीज दवा के लिए पर्ची लेकर भटकता है
सरकारी सुविधा पाने की ललक लिए पर्ची पर लिखी दवाएं लेने के लिए घूमता रह जाता है,पर दवा नहीं मिल पाती
अंततः उस मरीज को बाहर से दवाएं खरीदने को विवश होना पड़ता है
सदर अस्पताल परिसर में मरीज अभिमन्यु कुमार पाण्डेय का इलाज के लिए पंजीकरण हुआ
इनका पंजीकरण आई डी GO - A26- AAS 9200 है
तेरह म ई को पूर्वाह्न में इनकी चिकित्सकीय जांच होती है पर चिकित्सक द्वारा लिखीं दवाएं सदर अस्पताल गोपालगंज में नहीं मिल पाती
अंततः वह मरीज विवश होकर बाहर से दवा खरीदता है
उसी दिन एक अन्य मरीज सतर वर्षीय केदार राय की जांच के बाद डाक्टर द्वारा लिखी दवा की पर्ची मिलती है जिसका टोकन नंबर 330581 है
इन्हें भी सरकारी दवा मयस्सर नहीं हो सकी और मजबूरन बाहर से खरीदना पड़ा
यह स्थिति बनी है बिहार के माननीय स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव के गांव घर के सरकारी अस्पताल की