पटना न्यूज़: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में मरीजों को दवा लेने में मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कहने को तो यहां दवा निशुल्क मिलती है लेकिन इसके लिए मरीजों को चार से पांच घंटे तक पसीना बहाना पड़ता है. चार घंटे तक लाइन में लगने के बाद भी पूरी दवा नहीं मिल पाती है. कड़ी धूप-बारिश में तीन-चार घंटे खड़ा रहने के बाद कई मरीज और बीमार हो जाते हैं.
पीएमसीएच ओपीडी में 15 से अधिक विभागों में प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीज आते हैं. इन विभागों में अलग-अलग 40 से 35 डॉक्टर मरीजों को देखते हैं. उनके द्वारा लिखी गई दवाओं को देने के लिए सिर्फ एक जगह निर्धारित है. उसमें भी पुरुषों और महिलाओं के लिए सिर्फ एक-एक काउंटर ही हैं. इन काउंटरों पर 10 बजे तक मरीजों की लंबी कतार लग जाती है. महिला काउंटर पर लाइन मेडिसिन विभाग की ओर से जबकि पुरुष काउंटर पर चर्म रोग विभाग की ओर से लगती है. चर्म रोग विभाग की ओर शेड की लंबाई मुश्किल से 10 फीट से 15 फुट तक है. उसके बाद मरीज धूप-बारिश में खड़े रहते हैं. एक-एक मरीज को दवा देने में चार से पांच मिनट का समय लगता है. तीन से चार घंटे कतार में रहने के बाद भी लोग खिड़की तक नहीं पहुंच पाते हैं. उसमें भी मरीजों को सभी दवाइयां नहीं मिल पाती हैं. दो बजे तक काउंटर को बंद करके कर्मी लंच पर चले जाते हैं. प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गरीब मरीज बिना दवा लिए ही लौटते हैं. बीते दिनों सीतामढ़ी के दिनेश कुमार, गोड्डा के धनुष महतो, पटना सिटी की मालती देवी, नौबतपुर के महेश राय जैसे 30 से अधिक मरीज घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी दवा नहीं ले पाए.