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बिहार शहरी क्षेत्र में किस तरह से सरकारी तथा गैर सरकारी अस्पतालों द्वारा जिस कदर मेडिकल कचरे को लेकर उदासीनता बरती जा रही है, वह किसी से छिपी नहीं है. किंतु शहर से बाहर भी लगभग ऐसी ही स्थिति बनी हुई है. जिससे न सिर्फ मेडिकल कचरा निस्तारण के नियमों की धज्जियां उड़ायी जा रही है, बल्कि आम लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है.
स्थानीय थाना परिसर के उत्तरी छोर से सटे वर्षों से संचालित हो रहे एक निजी क्लिनिक के पूरब दिशा में खाली पड़े जगहों पर मेडिकल कचरा को खूले में फेंक कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. खुले में मेडिकल कचरा के फेंके जाने से इस रास्ते से आने-जाने वाले लोग संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. जिस जगह यह कचरा फेंका जा रहा है. उस जगह से सटे छोटी सड़क गुजरी है. उक्त सड़क का इस्तेमाल सैंकड़ो लोग रोज मुख्य बाजार आने-जाने को लेकर करते हैं. क्लिनिक संचालक द्वारा खुले में कचरा फेंका जाना आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हो सकता है.
बता दें कि जिस जगह को मेडिकल कचरा फेंकने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उस जगह पर मोहल्ले के छोटे-छोटे बच्चे खेला करते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार खेलने के दौरान बच्चे के पैर में मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया गया सूई चूभ गया है. जिसका इलाज अस्पताल या फिर निजी क्लिनिक में कराया गया है. हमलोग इस जगह पर मेडिकल कचरा नहीं फेंकने को लेकर कई बार क्लिनिक के कर्मी को मना भी किये हैं. लेकिन क्लिनिक संचालक कचरा फेंकने से बाज नहीं आते हैं.
Admin4
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