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पटना टैक्स चोरी के मामले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के करीबी माने जा रहे पटना के ठेकेदार गब्बूब सिंह के कई आयकर की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही। इस कार्रवाई के दौरान आईटी को बिल्डर गब्बू सिंह के कई रसूखदारों से लेनेदेन के सबूत मिले हैं। गब्बू सिंह की कंपनी में कई रसूखदारों के पैसे के निवेश की जानकारी भी मिली है। एक दर्जन आईएएस-आईपीएस अधिकारियों के साथ उनके न सिर्फ करीबी ताल्लुकात बताए जाते हैं, बल्कि उनके पैसे भी खपाए गए। यह सब काफी चालाकी से किए गए हैं।
अधिकारियों के बजाए उनके करीबियों के नाम पर काली कमाई को खपाने की बात सामने आई है। टैक्स बचाने के लिए फर्जी लेनदेन के भी साक्ष्य मिले हैं। कई लेनदेन को कंपनी के लेजर बुक पर दर्शाया ही नहीं गया है। बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी और रसूखदारों की काली कमाई खपाए जाने को लेकर मिले कागजातों की विस्तृत छानबीन की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक छापे में मिले दस्तावेज के आधार पर कई रसूखदार आयकर के रडार पर आ सकते हैं। हालांकि आयकर विभाग ने छापेमारी में बरामद नकद और अन्य दस्तावेजों को लेकर शनिवार को भी आधिकारिक तौर पर कोई खुलासा नहीं किया।
150 करोड़ का है कारोबार
श्री गोविंदा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजीव कुमार सिंह उर्फ गब्बू सिंह के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही। सूत्रों के मुताबिक कंपनी का सलाना टर्नओवर कागज पर 150 करोड़ के आसपास दर्शाया गया है। लेकिन हकीकत में सलाना कारोबार 600 से 700 करोड़ के आसपास बताया जा रहा है। यही वजह है कि आयकर विभाग की कार्रवाई का दायरा बढ़ता जा रहा है।
कई और आ सकते हैं आयकर के रडार पर
गब्बू सिंह बिल्डर के साथ सरकारी ठेकेदार भी हैं। कई विभागों में वह बड़े ठेके लेते हैं। उनका होटल का भी कारोबार है। टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितता के मामले में आयकर विभाग ने गब्बू सिंह के साथ उनसे जुड़े कुछ सहायक ठेकेदारों के पटना, दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा के कुल 23 ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान करोड़ों के टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। साथ ही 50 करोड़ नकद मिलने की बात आई थी। हालांकि यह रकम बढ़ सकती है।
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