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भागलपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भागलपुर के वार्षिक अधिवेशन की शुरुआत रविवार को डॉ. डी एस सिंह के वैज्ञानिक सत्र से किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित कोलकाता, पटना, कानपुर और झारखण्ड से आए चिकित्सक ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम का लाभ उठाया। कार्यक्रम की शुरुआत में वैज्ञानिक सत्र का उद्घाटन राज्य आईएमए अध्यक्ष डॉ. डी एस सिंह ने किया। कार्यक्रम सत्र में सर्वप्रथम कानपुर के डॉक्टर शिव कुमार मिश्रा द्वारा वायलेंस अगेंस्ट डॉक्टर्स और इलाज के क्षेत्र में समय के साथ हो रहे बदलाव और इलाज के नई तकनीक पद्धति पर व्याख्यान दिया गया। इसके उपरांत पटना के पदमश्री डॉ. विजय प्रकाश ने हेपेटाइटिस बी बीमारी को लेकर चिकित्सक के साथ अपनी जानकारी साझा करते हुए बताया कि समय के साथ बीमारियों ने भी अपना रंग रूप के बदलाव के साथ सामने आया है। कई बार बीमारियों को लोगों को सही समय पर पता नहीं चल पाता है। वहीं इस दौरान कोलकाता के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास कपूर ने (स्पाईनल कोड) रीड़ की हड्डी में होने वाले दर्द पर होने वाले गतिविधियों पर और मरीजों के इलाज में नई तकनीक व्यवस्था के दिशा में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कमर दर्द से पीड़ित मरीजों के उपचार और नवीनतम इलाज़ के बारे में समय के साथ बदलाव की दिशा में कार्य करें। अत्याधुनिक तकनीक युग में कई नयी टेक्नोलॉजी विकसित हो चुकी है। समय से कम लागत में मरीजों का इलाज संभव है। इसके पश्चात कोलकाता के प्रसिद्ध मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय कुमार ने मूत्र रोग प्रणाली में होने वाले स्टों और (कैंसर) के विकारों और उसके नयी तकनीक पद्धति से उपचार को लेकर विस्तृत जानकारी दी। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन आईएमए के राष्ट्रीय अधक्ष्य डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह और राज्य आईएमए अध्यक्ष डॉ. डी. एस. सिंह, सचिव डॉ. अशोक कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ मनीष कुमार, डॉ. प्रतिभा सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
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