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अररिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती एंव भारत रत्न लालबहादुर शास्त्री जी की 118वीं जंयती के अवसर पर दोनों महापुरुषों को विभिन्न संस्थानों और संगठनों की ओर से याद किया गया। अररिया जिला कांग्रेस कमिटी की ओर से गांधी आश्रम में एक समारोह आयोजित कर पुष्प अर्पित कर दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी गई। उपस्थित सभी लोगों ने कहा कि आज देश को दोनो आदर्श पुरुषों के पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है तथा उनके आदर्श विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। इस अवसर पर जिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अधिवक्ता मो तहा,जिला प्रवक्ता सिबतैन अहमद,अब्दुस सलाम,सेवादल प्रदेश सचिव आबिद हुसैन अंसारी,मो ग़ालिब उर्फ चुन्ना,प्रखंड अध्यक्ष जफरुल हसन,अलीमुद्दीन,आफताबुर्रहमान,साकिब रब्बानी,मो कलाम, अब्दुल कुद्दूस,कौशल वर्मा,अशरफ अली पिंटू मौजूद थे।
वहीं सिसौना स्थित नेशनल पब्लिक स्कूल परिसर में स्कूल के शिक्षक और बच्चों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 154 वीं जयंती व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री के 118 वीं जयंती के मौके पर उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया गया और उन्हें याद किया।जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के मैनेजिंग डायरेक्टर हिफजुर्रहमान ने की। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लालबहादुर शास्त्री के बताएँ आदर्शों पर चलकर ही हमारा देश एकजुट रहेगा । गांधी के विचारों को जिंदा रखने के लिए सभी लोगों को आगे आना होगा और देश में गांधीवाद को प्रबलता से अपनाना होगा।
स्व. शास्त्री को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. शास्त्री ने राजनीतिक शुचिता की जो मिसाल पेश की है वो राजनीतिक व्यक्तियों के लिए आदर्श है। उन्होंने दोनो पुरुषों को देश की विभूति बताया। इस प्रकार स्कूल की निदेशक अफसर जहां ने कहा कि गांधी जी के विचारों व उनके आदर्शों पर चलकर ही हम अपने देश को आगे बढ़ा सकते हैं। इधर बच्चों ने चरखा बनाकर गांधी जी के यादों को ताज़ा कर दिया,और गांधी जी के तीन बंदरों को पेंटिंग द्वारा उनके उद्देश्यों को बताया कि झूठ मत बोलो,सदा सच बोलो,बूरा ना देखो। वहीं बच्चों द्वारा लेख प्रतियोगिता,भाषण प्रतियोगिता,पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई। इस मौके पर स्कूल के निदेशक अफसर जहां ने कहा कि गांधी जी के आदर्शों पर चलकर ही हमें हम अपने देश को आगे बढ़ा सकते हैं। स्कूल के शिक्षकों में हिफजुर्रहमान, नाज, शमा कमर, शायमा, शबा परवीन ,आफरीन ,आमिर, फारूक आदि शिक्षक मौजूद थे।
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