कटिहार न्यूज़: जिले में महानंदा नदी का जलस्तर उफाना गई. इससे नदी का जलस्तर 48 घंटे में दो मीटर बढ़ गई. इससे नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से मात्र 1 से डेढ़ मीटर नीचे रह गया है. दो दिन पूर्व महानंदा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से करीब 3 मीटर नीचे था. बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी सह अधीक्षण अभियंता अरूण कुमार ने बताया कि भी महानंदा नदी का जलस्तर में न्यूनतम 21 और अधिकतम 55 सेमी की बढ़ोतरी हुई. मगर नदी का जलस्तर दोपहर के बाद घटने लगा है. उन्होंने बताया कि महानंदा नदी का जलस्तर झौआ में 29.36 मीटर से 21 सेमी बढ़कर 27सेमी कम हो गया. बहरखाल में 29.16 मीटर से 26 सेमी बढ़कर 26 सेमी कम, आजमनगर में 28.03 मीटर से 30 सेमी बढ़कर 15 सेमी कम, धबौल मं 27.35 मीटर से30 सेमी बढ़कर 13 सेमी कम, कुर्सेल में 29.36 मीटर से 22 सेमी बढ़कर 27 सेमी कम, दुर्गापुर में 26.18 मीटर से 27 सेमी बढ़कर 10 सेमी कम हो गया है. साथ ही अमदाबाद गोविंदपुर में 24.77 मीटर 55सेमी बढ़कर 2 सेमी कम हो गया है. उन्होंने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर रामायणपुर में 27.72 मीटर से पांच सेमी घटकर घटना जारी है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज के समीप 24.51 मीटर से दो सेमी घट गया है.
महानंदा में जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों के बीच दहशत
आजमनगर प्रखंड क्षेत्र में लगातार बारिश नहीं होने से लोगों में त्राहिमाम है. परंतु महानंदा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर विभाग काफी चौकन्ना है. उत्तरी इलाकों में हो रही बारिश का ही यह नतीजा है कि महानंदा में लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है. नेपाल की तराई इलाकों में हो रही लगातार बारिश का ही नतीजा है कि महानंदा नदी में जल स्तर के बढ़ते घटते मंजर देखने को मिल रहा है. ग्रामीण सैफुद्दीन बताते हैं कि महानंदा नदी में बढ़ते जल स्तर को देखकर बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को वर्ष 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ की याद ताजा होने लगती है.