मधुबनी: नगर निगम के सभी 45 वार्डो के गरीब व असहाय जरूरतमंद परिवारों को आवास योजना का लाभ मिलेगा. इसके लिए विभाग ने सर्वे कर नगर निगम से सूची व इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी है. 25 अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा करना होगा और उसे समेकित करते हुए पूरी रिपोर्ट 31 तक मुख्यालय को भेजनी है.
इसके लिए विभाग ने विशेष फॉर्मेट भी जारी किया है. इसमें 32 जानकारियों को उल्लेखित करते हुए संबंधित कागजात के साथ विभाग को भेजना है. नये लाभुकों के चयन व उसके लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी देते हुए नगर आयुक्त अनिल कुमार चौधरी ने यह बात कही. इन्होंने विभाग द्वारा जारी गाइडलाईन को वार्ड पार्षदों की बैठक में रखते हुए कहा कि बारीक से सभी जानकारी को जुटाना होगा.
इसके लिए नगर निगम के कर्मियों की टीम को लगाया जायेगा. जिसमें सभी प्रतिनिधियों का सहयोग आवश्यक है. बिना वार्ड पार्षद के सहयोग के यह प्रक्रिया पूरा करना सहज नहीं होगा.
पांच साल के लिए पीएम आवास योजना शुरू
नगर आयुक्त ने जानकारी दी कि पीएम शहरी आवास योजना दो पहली सितंबर 24 से शुरू हुई है. यह पांच सालों के लिए है. इसके लिए सभी वार्डो में पात्र लाभुकों का सर्वेक्षण करते हुए सूची तैयार करना है. निजी स्वामित्व की भूमि से संबंधित आवश्यक दस्तावेज लेकर उसकी जांच कर लेना है.
सर्वे में पारदर्शिता बरते जाने पर बल
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मेयर अरुण राय ने सभी पार्षद व कर्मियों से गरीब व असहाय जरूरतमंदों की सूची बनाने में पारदर्शिता बरतने को कहा, उन्होंने कहा किसी भी हाल में योग्य व जरूरतमंद लाभुक नहीं छुटे. इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. शहर के गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. सरकार ने इन सभी परिवारों को आवास मुहैया कराने का निर्णय लिया है. इसलिए हम सभी को भी निष्पक्षता के साथ सर्वे कार्य में सहयोग करना है और उसे पूरा करना है. डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान ने बताया कि सर्वे के दौरान सभी संबंधित कागजात को भी संलग्न करना है. ताकि विभाग से स्वीकृति के बाद किसी भी लाभुकों को लेकर कोई विवाद नहीं हो.
10534 की भेजी गयी है सूची
इससे पहले इस फेज के लिए ही कागजात व दस्तावेज के साथ बोर्ड से स्वीकृत कर 10534 लाभुकों की सूची विभाग को भेजी गयी है. लगभग एक साल पहले इसके लिए टैक्स कलेक्टर से प्राप्त सूची व सीधे लाभुकों से प्राप्त आवेदन व उसकी जांच के बाद तैयार सूची को भेजा गया है. लेकिन विभाग ने उसे नहीं मानते हुए नये सिरे से सूची तैयार करने का निर्देश दिया है.