बिहार

Madhubani: शिक्षा विभाग की निजी विद्यालयों के नियंत्रण पर पकड़ ढीली हुई

Admindelhi1
10 Aug 2024 4:01 AM GMT
Madhubani: शिक्षा विभाग की निजी विद्यालयों के नियंत्रण पर पकड़ ढीली हुई
x
अलाभकारी समूह के बच्चों को आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा दी जानी है

मधुबनी: जिले के निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25 फीसदी गरीब बच्चों को आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के मामले में कहीं न कहीं शिक्षा विभाग का पकड़ ढीली पड़ती नजर आ रही है. सनद रहे कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के कमजोर वर्ग और अलाभकारी समूह के बच्चों को आरटीई के तहत निशुल्क शिक्षा दी जानी है. जिले में समग्र शिक्षा की ओर से 286 निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति दी गई है. जिन्हें विभाग के निर्देशों का पालन करना है. लेकिन जिले में खासकर आरटीई के मामले में विभाग को आपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण अब तक महज 135 बच्चों का नामांकन किया जा सका है.

इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के तहत डीपीओ और निजी स्कूलों के संचालकों के साथ बैठक की थी. जिसमें पोषक क्षेत्र में जागरुकता अभियान चलाकर ऐसे अभिभावकों और बच्चों को जागरुक कर ऑनलाइन आवेदन के लिए प्ररित करना था. बावजूद पहले चरण में जिले से महज 135 बच्चों को रैंडमाइजेशन के तहत स्कूल आवंटित किया गया है.

10-10 बच्चों के नामांकन का था लक्ष्य प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस मामले में प्रति स्कूल को 10-10 बच्चों का ऑनलाइन आवेदन करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन जिले से महज 135 बच्चों ने ही आवेदन किया. जिन्हें विद्यालय आवंटित करने के साथ-साथ नामांकन लिया जा चुका है. शिक्षा दी जा रही है.

ज्ञानदीप पोर्टल पर डाटा एंट्री के मामले में विभाग उदासीन: जिले के 286 निजी स्कूलों के अलावा जिन्हें प्रस्वीकृति नहीं मिली है को मिलाकर लगभग 500 निजी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. जिसमें डेढ़ सौ से अधिक स्कूल शिक्षा विभाग के मानक पर खरे नहीं उतर रहे हैं. बावजूद इन स्कूलों का संचालन हो रहा है. जबकि इस मामले में शिक्षा विभाग भी मौन साधे है. उधर जिले के ऐसे सभी स्कूलों को ज्ञानदीप पोर्टल पर स्कूलों का ब्यौरा अपलोड कर प्रस्वीकृति के लिए आवेदन देना है. लेकिन अभी तक प्रस्वीकृति प्राप्त स्कूलों को छोड़कर महज चार दर्जन से अधिक स्कूलों ने ही अब तक ऑनलाइन आवेदन किया है. जिसका सत्यापन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से हो रहा है.

Next Story