Madhubani: आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी बनेगी
मधुबनी: राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए तीन कुलपतियों की कमेटी बनेगी. जल्द ही कमेटी गठन का आदेश जारी होगा. कमेटी इसका अधय्यन करेगी कि विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में सुधार को लेकर कौन-कौन से आवश्यक कार्य होने चाहिए. इसके बाद कमेटी की अनुशंसा के आधार राज्य सरकार कार्य करेगी.
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कुलपतियों की बैठक के बाद यह जानकारी पत्रकारों को दी. मंत्री ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि विद्यार्थियों के नामांकन में एकरूपता लाएं. नामांकन शुल्क में भी विश्वविद्यालयों के बीच अधिक भिन्नता नहीं होनी चाहिए. उधर, राजभवन में हुई बैठक में मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को प्रयास करना चाहिए कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य बेहतर हो तथा हमारा राज्य शिक्षा के क्षेत्र में पुरानी प्रतिष्ठा को फिर से प्राप्त करे. उन्होंने कहा कि टीम भावना के साथ सबको मिलकर काम करने पर विश्वविद्यालयों की स्थिति में सुधार जरूर होगी. बैठक में राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू समेत सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित थे. बैठक में कुलपतियों ने आधारभूत संरचना को मजबूत करने, आंतरिक अंकेक्षण की व्यवस्था, कर्मियों की नियुक्ति, वेतन एवं पेंशन का भुगतान, अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान, आईटी सेल का गठन आदि से संबंधित बातें कही. साथ ही विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए भी सुझाव दिये. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जाने का आश्वासन दिया.
विभाग का दायित्व विवि को निधि उपलब्ध कराना: राजभवन में हुई बैठक में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए शिक्षा केंद्र के रूप में विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसे ध्यान में रखते हुए अनेक राज्यों के अधिनियमों द्वारा विवि को स्वायत्त बनाया गया है. सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न न्यायादेशों में भी विश्वविद्यालयों को स्वायत्त मानते हुए कहा गया है कि शिक्षा विभाग का दायित्व उन्हें समुचित निधि उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि जुलाई में राजभवन में सभी कुलपतियों का दो दिनी नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.