बेगूसराय न्यूज़: राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की अब हर सप्ताह सोलह बिंदुओं पर जांच होगी.विभागीय सचिव ने तमाम आलाधिकारियों को जिन तीन प्रमुख योजनाओं की हर व को धरातल पर जांच करने का आदेश दिया है, उसमें लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की जांच मनरेगा के साथ सबसे प्रमुख है।
लाभार्थी से संबंधित सोलह बिंदुओं का जांच पत्रक इसके लिए विभाग ने तैयार किया है जिसे सभी अधिकारियों को प्राप्त करा दिया गया है.इसमें सबसे पहले जांच अधिकारी को यह देखना अनिवार्य है कि दौरा किये जाने वाला गांव ओडीएफ की किस श्रेणी का है.उदयमान, वर्द्धमान (राइजिंग) या उत्कृष्ट.जांच के दौरान देखा जाएगा कि गला व सूखा कचरा को अलग)-अलग किया जा रहा है या नहीं.हर वार्ड में दो तरह का डस्टबीन है कि नहीं.हर वार्ड में दो स्वच्छता कर्मी और एक सुपरवाइजर हैं कि नहीं.हर वार्ड के लिए एक पैडल रिक्सा और ग्राम पंचायत स्तर पर ई-रिक्सा कार्यरत है कि नहीं.गांव में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए क्या साधन हैं? अपशिष्ट संग्रहण हेतु परिवारों से उपयोगिता शुल्क लिया जा रहा है या नहीं? क्या गांव में जलनिकासी हेतु नालियों की व्यवस्था है? क्या हर परिवार को शौचालय की उपलब्धता है? गांव में सामुदायिक स्वच्छता परिसर की क्या स्थिति है, यह है कि नहीं? गांव स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र, स्कूल एवं पंचायत घर में शौचालय की सुलभता है? गांव के सार्वजनिक स्थान दृष्टिगत रूप से साफ हैं? अगर नहीं, तो किस वार्ड में गंदगी पायी गयी।
जांच अधिकारी को दो दिवसीय दौरे की समाप्ति के 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट विभाग द्वारा गठित स्पेशल मानिटरिंग सेल के ई-मेल आईडी पर अपलोड कर देनी होगी.विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।