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पटना। पश्चिम बंगाल की पुलिस की पैंतरेबाजी के कारण एक शराब माफिया बिहार पुलिस की गिरफ्त में आने से बच गया। मेन टाइम पर वो फरार हो गया। मामला पश्चिम बंगाल के दालकोला का है। प्रदीप दास और दिलीप दास, दोनों सगे भाई हैं और बड़े शराब माफिया हैं। लंबे वक्त से दोनों भाई बिहार के अलग-अलग हिस्सों में शराब की खेप को भेज रहे थे। बिहार पुलिस की मद्य निषेद्य विभाग की टीम ने इन दोनों भाइयों की पूरी कुंडली खंगाल रखी थी। दोनों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। जिसे लेकर 5 जुलाई को ही मद्य निषेद्य की एक टीम पश्चिम बंगाल के दालकोला गई।
रेकी कर दोनों भाइयों को अलग-अलग लोकेशन पर ट्रैप किया गया। मद्य निषेद्य प्रभाग की टीम ने लोकल थाना होने की वजह से दालकोला थाना की पुलिस से मदद मांगी। मगर, टाइम पर मदद करने की जगह तरह-तरह की बातें वहां के पुलिस अफसर बनाने लगे। साथ ही बिहार से पुलिस टीम के आने की जानकारी भी प्रदीप दास तक पहुंच गई। जब तक बंगाल पुलिस के बड़े अधिकारियों से बिहार पुलिस के अधिकारी बात करते, उससे पहले ही प्रदीप दास अपने ठिकाने से फरार हो गया। हालांकि, बंगाल पुलिस के पैंतरेबाजी के बाद भी मद्य निषेद्य प्रभाग की टीम दिलीप दास को गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
दरअसल, 2 मई को सहरसा जिले के तहत सिमरी बख्तियारपुर में शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इसी की जांच में दोनों शराब माफिया भाइयों का नाम सामने आया था। मद्य निषेद्य प्रभाग के अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार दिलीप दास को बुधवार की शाम स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। ट्रांजिट रिमांड पर उसे गुरुवार को सहरसा लाया जाएगा। इसके बाद कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया जाएगा। लेकिन, पूछताछ के लिए इसे जल्द ही रिमांड पर लिया जाएगा। इससे इसके भाई के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी। साथ में पता लगाया जाएगा कि अब तक शराब की कितनी खेप दोनों भाई बिहार भेज चुके हैं।
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