हत्या के मामले में दो को उम्रकैद, शहर के बेलाशंकर के हैं अभियुक्त
दरभंगा न्यूज़: जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने 23 वर्ष पुराने रामबालक पासवान हत्याकांड में दोषी पाते हुए दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनायी है. ये दोनों विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बेलाशंकर निवासी दिलीप मंडल व मुन्ना साह हैं.
कोर्ट ने 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक-एक वर्ष साधारण कैद तथा दफा 201 के तहत एक-एक वर्ष कैद एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर एक-एक माह कैद की सजा सुनाई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक चमक लाल पंडित ने बहस की. श्री पंडित ने बताया कि अभियुक्तों के विरुद्ध मृतक के भाई उसी मोहल्ले के लक्ष्मी पासवान ने विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 28 जनवरी 2000 को रामबालक पासवान अभियुक्त बुलाकर ले गए थे. इसके बाद रामबालक वापस घर आ गया. फिर 29 जनवरी को दोनों उसे बुलाकर ले गये तो रामबालक वापस घर नहीं आया. उन्होंने अपने भाई की काफी खोजबीन की, पर उसका कुछ पता नहीं चला. तब उन्होंने थाने में अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट 11 फरवरी 2000 को दर्ज करायी. अभियुक्तों के विरुद्ध पंचायत भी बैठाई गयी थी. 17 फरवरी को 17 दिन बाद पता चला कि नरगौना पैलेस परिसर स्थित गड्ढे में एक लाश है. देखने गए तो वह लाश मेरे भाई रामबालक पासवान की थी. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों ने गवाही दी. अभियुक्तों को 13 फरवरी को दोषी करार दिया गया था.