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12 अगस्त 15 की रात एक महिला दूसरे के घर में काम कर लौट रही थी। घर पर अपनी 9 वर्षीय बेटी को छोड़ कर गई थी। महिला अपने घर लौटी तो मानसिक रूप से पीड़ित पुत्री को घर पर नहीं पाया। पुत्र से जानकारी हासिल करने के बाद महिला बगल के घर में गई तो उसे अपनी बेटी के रोने की आवाज आई। यहां महिला ने अपनी पुत्री को जख्मी अवस्था में पाई। वहां से आरोपी अरविन्द यादव को निकल कर जाने की बात लोगों बताया। घटना के बाबत पीड़िता की माता के ब्यान पर महिला थाना में कांड दर्ज किया गया।
अदालत में गवाहों के बयान पर अरविन्द यादव को भादवि की धारा 376 ( 2 ) तथा पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
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