बिहार
गया इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग में नियुक्त होंगे लाइब्रेरियन, लाइब्रेरियन डायमंड एसोसिएशन के सम्मेलन में मंत्री बोले
SANTOSI TANDI
29 Sep 2023 6:51 AM GMT
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नियुक्त होंगे लाइब्रेरियन, लाइब्रेरियन डायमंड एसोसिएशन के सम्मेलन में मंत्री बोले
बिहार राज्य के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों में लाइब्रेरियन की बहाली जल्द होगी. लाइब्रेरियन बहाली की नियमावली तैयार है. इसमें आंशिक संशोधन होना है. इसके बाद लाइब्रेरियन बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार युवाओं को रोजगार देने के अपने वादे पर कायम हैं.
ये बातें ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में आयोजित राज्य स्तरीय लाइब्रेरियन सम्मेलन में विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा बिहार सरकार लगातार अलग-अलग विभागों में वैकेंसी निकाल रही है. युवाओं को राजनीति में आना चाहिए. उन्होंने लाइब्रेरी साइंस से जुड़े शिक्षक और छात्रों को सम्मानित भी किया. सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने कहा कि ज्ञान के बिना कुछ भी संभव नहीं है. किसी भी अच्छे संस्थान के लिए लाइब्रेरी की अहम भूमिका होती है. नैक की टीम जब निरीक्षण करने के लिए आती है तो लाइब्रेरी पर विशेष अंक मिलता है. सरकार को लाइब्रेरी के महत्व को समझते हुए विश्वविद्यालय और कॉलेजों में रिक्त पड़े लाइब्रेरियन के पदों को जल्द भरना चाहिए. कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विकास चंद्र सिंह ने की. कहा कि लाइब्रेरियन के 10 हजार से अधिक पद रिक्त हैं. इस मौके पर अजय यादव, लोकेश कुमार, विवेक कुमार, सुमित कुमार, हर्षित राज,आनंद कुमार, माधव कुमार, गौरव कुमार, अजय कुमार, आलोक कुमार आदि उपस्थित रहे.
राज्य के किसी विवि में लाइब्रेरी साइंस से पीएचडी नहीं
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रासबिहारी सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य है राज्य के किसी विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी साइंस से पीएचडी नहीं होती है. स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति बिहार के विश्वविद्यालय में कहीं नहीं हुई है. जबकि देश-दुनिया में लाइब्रेरी में पीएचडी होती है. इस पर गंभीरतापूवर्क सोचने की जरूरत है. नालंदा विश्वविद्यालय की पहचान दुनिया में उसकी समृद्ध लाइब्रेरी की वजह से थी. वहीं बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष ललन भुईयां व हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने भी अपनी बातें रखीं.
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