बिहार
बिहार के शिक्षा मंत्रालय में मंत्री और सचिव के बीच लेटर ,वॉर की शुरुआत शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव पीत पत्र से शुरू
Tara Tandi
6 July 2023 8:11 AM GMT
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बिहार के शिक्षा मंत्रालय में मंत्री और सचिव के बीच लेटर वॉर छिड़ गया है. वॉर की शुरुआत शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव पीत पत्र से शुरू हुई जिसके बाद से पत्र भेजने का सिलसिला शुरू हो गया है. शिक्षा मंत्री और केके पाठक के बीच चल रहे विवाद को लेकर अब खुद सीएम नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर चल रही उच्च स्तरीय बैठक के द्वारा मामले को निपटाने की कोशिश की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक में बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केके पाठक, शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सीएम हाउस में मौजूद रहे.
मुलाकात पर बोले शिक्षा मंत्री
मुलाकात के बाद जदयू के किसी नेताओं की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आए. सीधे तौर पर बयान देने से बचते हुए नजर आए हैं. वहीं, सीएम नीतीश से मुलाकात कर निकले शिक्षा मंत्री कहा कि विवाद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मैं विभाग की प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी देने आया था. वहीं, अपर मुख्य सचिव केके पाठक के मौजूदगी पर कहा कि मैं खुद आया मैंने केके पाठक को नहीं देखा.
शिक्षा मंत्री की लालू प्रसाद यादव से मुलाकात
इधर, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने पूरे मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है. लालू से मीटिंग के बाद शिक्षा मंत्री ने बयान देते हुए कहा कि 'संविधान के आधार पर देख लीजिए मंत्री बड़ा या अधिकारी'. विभाग में अपने पीए की एंट्री पर भी बोलते हुए उन्होंने कहा कि मामले में सभी पक्षों को देखकर जवाब दिया जाएगा.
पूर्व मंत्री विजय प्रकाश का बयान
इधर, पूरे मामले में आरजेडी के पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा मंत्री और प्रधान सचिव को समन्वय में बनाकर काम करना चाहिए. मंत्री और सचिव को बिहार के छात्रों के बारे में सोचना चाहिए. अगर किसी को दिक्कत है तो तेजस्वी यादव से मिलकर मामले को सुलझाना चाहिए.
RJD विधायक की ACS पर कड़ी टिप्पणी
बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और ACS केके पाठक के बीच विवाद गहराता जा रहा है. पूरे मामले पर RJD विधायक भाई वीरेंद्र ने केके पाठक पर कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि कई अधिकारी अफसरशाही चलाना चाहते हैं. ऐसे अधिकारियों को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए. उन्होंने कहा हम जनता के सेवक हैं और अधिकारी हमारे सेवक हैं. सरकार को संज्ञान लेकर पूरे मामले पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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