बिहार

दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम का शिलान्यास, धर्मगुरु ने कहा, 'भारत में सर्वधर्म समभाव की बात'

Rani Sahu
3 Jan 2023 2:55 PM GMT
दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम का शिलान्यास, धर्मगुरु ने कहा, भारत में सर्वधर्म समभाव की बात
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गया (आईएएनएस)| बिहार के बोधगया में दलाईलामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंसीएन्ट विजडम का बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने मंगलवार को शिलान्यास किया। मंत्रोच्चारण के बीच इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के मॉडल पर पुष्प अर्पित कर शिलान्यास किया गया। इस दौरान धर्म गुरु मंत्रोच्चारण किया।
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत में अहिंसा और सर्व धर्म समभाव की बात कही जाती है। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत सहित कई लोग मौजूद रहे।
शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि भारत में अहिंसा और सर्वधर्म समभाव की बात कही जाती है, जो इसे अन्य देशों से अलग बनाती है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र बोधगया में बनेगा। उन्होंने कहा कि अहिंसा का जो सिद्धांत है, उसका पालन करना चाहिए। बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि भारत की बात करें, तो यहां हमेशा हिंसा से मना किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत के लोग जिस प्रकार प्राचीन काल में अहिंसा का पालन करते आए हैं, वह अभी भी करते रहे हैं।
दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतियन एंड इंडियन एंड एंसीएन्ट विजडम में बुद्धिज्म की पढ़ाई होगी, जहां भारत- तिब्बत परंपरा पर भी शोध होगा। इसका उद्देश्य प्राचीन भारतीय एवं तिब्बत ज्ञान को उन्नत करने के लिए स्थापित किया जाना है। यहां तिब्बत के उन्नत संस्कृति के साथ भारतीय संस्कृति को समावेश से विश्व को होने वाले योगदान से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाना है।
यह संस्थान विश्व स्तरीय केन्द्र रहेगा, जिसमें प्राचीन भारतीय सोच एवं वुद्धि के उन्नति के शिक्षा अनुसंधान एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस मौके पर कहा कि 2550 साल पहले भगवान गौतम बुद्ध ने बौद्ध धर्म को बोधगया में विश्व का केंद्र बनाया था। आज उसी परम्परा को दलाईलामा आगे बढ़ा रहे हैं और वे खुद हमारे बीच उपस्थित हैं, जो बड़ी बात है।
बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने भारतीय लोकाचार को पूरे विश्व में जीवित रखा है। भारत सरकार और देश की 135 करोड़ से अधिक जनता बौद्ध धर्म गुरु की ऋणी व कृतज्ञ है।
--आईएएनएस
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