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बिहार | जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार की योजनाओं में बदलाव होना शुरू हो चुका है। कृषि विभाग जातीय गणना रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद इस कतार में सबसे आगे है। विभाग ने ईबीसी, ओबीसी और छोटे किसानों को मिलने वाली कृषि यंत्रों पर भारी बदलाव किया है। छोटे किसानों के लिए एलपीसी में राहत दे दी है। बीस हजार रुपए के कृषि यंत्र पर खरीदारी के लिए लैंड पोजीशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता खत्म कर दी है। ईबीसी, ओबीसी दलित किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा।
ज्यादा से ज्यादा किसान लाभान्वित हो पाएंगे
विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि अत्यंत पिछड़ा वर्ग यानी EBC के किसानों की माली हालात अच्छी नहीं है। इनकी आर्थिक स्थिति कमोवेश अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों के समान ही है। इसलिए कृषि यांत्रिकरण योजनान्तर्गत अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के समान ही अनुदान का प्रावधान किया गया है। इससे राज्य के दलित, महादलित किसानों के साथ-साथ अत्यंत पिछड़ी जाति के किसान ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो पाएंगे।
गरीब किसानों को योजना का लाभ मिलेगा
कृषि यांत्रिकरण योजना में लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता लाने और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के उद्देश्य से ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से चयन का फैसला लिया गया है। इससे किसानों का विचौलियां शोषण नहीं कर सकेगा। साथ ही राज्य के किसानों को कृषि मशीन का लाभ लेने के लिए एलपीसी बनाने में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए अब 20 हजार रुपए तक के अनुदान वाले कृषि यंत्रों पर तीन साल पुराने रसीद के आधार पर भी योजना का लाभ देने फैसला लिया गया है। इससे राज्य के वैसे छोटे-छोटे गरीब किसान जो एलपीसी बनाने में असमर्थ थे, उन्हें भी योजना का लाभ मिल पाएगा।
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Harrison
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