छपरा: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र में पर्यटकों के लिए " नौकायन " अब एक नये आयाम के रूप में जुड़ रहा है। नारायणी नदी की धारा अब रंग-बिरंगे नावों से सजने लगी है। प्रतिदिन, विशेष रूप से संध्या काल में सोनपुर के नमामि गंगे भारत-वंदना घाट से काली-घाट के बीच इन्द्रधनुष छटा बिखेरती रंग-बिरंगी नाव पर्यटकों को बहुत तेजी से आकर्षित कर रही है। आजकल नारायणी नदी में संध्या काल का दृश्य ही कुछ और होता है। नदी किनारे बने घाटों पर रेस्टोरेंट, मोटर बोट सेवा या मनमोहक रंगों में सजी-धजी पारम्परिक नावों ने जल नौका पर्यटन से यहां के व्यवसायियों, नाविकों और नाव बनाने वाले स्थानीय कुशल कारीगरों को रोजगार का एक नया अवसर मिला है। इसी कड़ी में विश्वकर्मा पूजा के दिन नई दुल्हन की तरह सजी एक और नाव " जलतरंग " गंडक नदी में उतारी गई।
नमामि गंगे " भारत-वंदना घाट " पर पं० विजय द्विवेदी के मंगलाचरण एवं विधिवत पूजन के बाद सोनपुर विधानसभा के विधायक रामानुज प्रसाद द्वारा इसका उद्घाटन हुआ। उद्घाटन के बाद विधायक ने सुरक्षा की दृष्टि से नाव पर आवश्यक रूप से लाइफ जैकेट रखने की सलाह दी एवं किनारे पर ही नाव में बैठ कर यात्री के रूप में फोटो खिंचवाया। बताते चलें कि सूरज सहनी सोनपुर के प्रखर समाजवादी एवं जल-मजदूरों के लिए लगभग तीन-चार दशकों से संघर्षरत नेता राजाराम सहनी के पुत्र हैं। सूरज एक अच्छे चित्रकार भी हैं जिन्होंने अपने परंपरागत व्यवसाय को ही रोजगार के रूप में चुना है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पत्रकार एवं साहित्यकार सुरेन्द्र मानपुरी ने कहा कि आज युवाओं को अपने पैतृक व्यवसाय में आगे आने और अपने परंपरागत गुण-कौशल को बढ़ावा दे कर स्वावलंबी बनने की आवश्यकता है।