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बिहार | जिले में बदली व्यवस्था के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री जांच के बाद होगी. इसके लिए जिला निबंधन कार्यालय समेत पांच अवर निबंधन कार्यालयों के कुल 334 मौजा को चिन्हित किया गया है. जिले के सब रजिस्ट्री कचहरी की जमीन की रजिस्ट्री जिला निबंधन कार्यालय में कराने से पूर्व उनकी जांच करानी होगी. यह व्यवस्था जमीन रजिस्ट्री में हो रही राजस्व चोरी को रोकने के लिए की गई है. लिहाजा, जमीन की खरीद - फरोख्त करने वाले राजस्व की चोरी करते पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ कार्रवाई के भी भागीदार होंगे. बहरहाल, जिले में जमीन रजिस्ट्री कराने में राजस्व की चोरी रोकने के लिए अगस्त महीने से रेंडमली जांच शुरू कर दी गई है. एक महीने में कम से कम कुल दस्तावेज के 43 प्रतिशत रजिस्ट्री कराए गये भूखंडों की जांच की जा रही है. सहायक निबंधन महानिरीक्षक द्वारा जारी पत्र में जिला अवर निबंधक को रजिस्ट्री के बाद जमीन के वर्गीकरण व उस पर स्थित संरचनाओं की रेंडमली जांच का निर्देश दिया गया था. इसे लेकर जांच की जा रही है. दरअसल, सीवान रजिस्ट्री कचहरी क्षेत्र से बाहर की जमीन की रजिस्ट्री अब सीवान रजिस्ट्री कचहरी में हो रही है. ऐसे जमीन की रजिस्ट्री से पहले उसकी जांच हो रही है, उसके बाद ही उस जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है. सीवान रजिस्ट्री कचहरी में 136 मौजा की जांच हालांकि पहले भी होती थी. लेकिन वहीं अब महाराजगंज रजिस्ट्री कचहरी के तहत 60 मौजा, बड़हिया में 35, बसंतपुर में 30, दरौली में 35, रघुनाथपुर में 38 मौजा की रजिस्ट्री होगी.
राजस्व वसूली के लिए महत्वपूण है चिह्नित मौजों
सहायक निबंधन महानिरीक्षक द्वारा इस संदर्भ में जिला अवर निबंधक को जारी पत्र में इस बात का उल्लेख था कि वैसे मौजा जो राजस्व वसूली के महत्वपूर्ण हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए. उन चिन्हित मौजों में अंतरण से संबंधित दस्तावेजों में वर्णित भूमि-संपत्ति की स्थल जांच निबंधन से पहले करना सुनिश्चित किया जाए. इसे लेकर जिला अवर निबंधक को अवर निबंधन कार्यालयों को निर्देश देने को कहा गया था.
विभागीय निर्देश पर जिले में रजिस्ट्री करायी गयी जमीन की रेंडमली जांच जिला निबंधन अधिकारी के साथ कार्यालय के सभी कर्मचारी व ऑपरेटर की देखरेख में हो रही है. जांच में यह देखा जा रहा कि जिस जमीन की रजिस्ट्री करायी गई है वह किस कैटगरी की है. जैसे कि संबंधित जमीन को आवासीय या व्यावसायिक की जगह खेतीहर जमीन तो नहीं दर्शा दिया गया. राजस्व चोरी का मामला सामने आने पर संबंधित खरीदार पर भारतीय मुद्रांक अधिनियम के तहत चोरी किए गये राजस्व की वसूली के अलावा 10 जुर्माना के साथ गलत सूचना देने को लेकर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
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Harrison
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