बिहार

नए नियम से ढाका में जमीन निबंधन का ग्राफ गिरा

Admindelhi1
11 March 2024 6:47 AM GMT
नए नियम से ढाका में जमीन निबंधन का ग्राफ गिरा
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सरकारी राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है.

मुंगेर: जमीन निबंधन में सरकार के नए नियम से ढाका निबंधन कार्यालय में जमीन निबंधन का ग्राफ काफी नीचे गिर गया है. पहले जहां औसतन प्रतिदिन 35 से 40 निबंधन हो रहा है वहीं नए नियम के बाद महज 3 से 4 निबंधन हो रहे है. इससे सरकारी राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है.

महीना में सरकार द्वारा लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है. वह लक्ष्य कैसे पूरा होगा. सरकार के नए नियम के मुताबिक जमाबंदीदार ही जमीन बिक्री कर सकते हैं. अधिकांश जमीन विक्रेताओं के पास यह समस्या है कि उनके जमीन का जमाबंदी या तो उनके पिता के नाम से है या दादा के नाम से. कई ऐसे है जिनकी जमाबंदी उनके भाई के नाम से भी है. ऐसे में समस्या यह खड़ी हो गयी है कि यदि जमाबंदीदार की मृत्यु हो गयी है तो इस परिस्थिति में जमीन निबंधन कौन करेगा. यदि पिता या भाई जमीन की बिक्री नहीं करते है तो जमीन की बिक्री होगी कैसे. कई लोगों को बेटी की शादी है तो किसी को बच्चे के पढ़ने के लिए पैसे की जरूरत है. इस परिस्थिति में उनके समक्ष एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. लोग जमीन बिक्री के लिए तो आ रहे हैं लेकिन नए नियम की बात सुन निराश होकर वापस लौट जा रहे हैं. ढाका में पिछले कुछ दिनों की आंकड़ों पर गौर करें तो 21 फरवरी को 3, 22 फरवरी को 7, 23 को 3, 27 को 4, 28 को 10 व 29 फरवरी को 4 निबंधन हुए. जमीन बिक्री के लिए आये लोगों ने बताया कि उन्हें जमीन की बिक्री करना निहायत ही जरूरी है .

एक सप्ताह में मात्र 26 जमीन की हुई है रजिस्ट्री

सरकार के नये आदेश से रक्सौल अवर निबंधन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री की संख्या में भारी कमी आई है. पूर्व में जहां प्रतिदिन कम से कम 70 से 75 जमीन की रजिस्ट्री होती थी. वहीं सरकार के नये आदेश के बाद अब एक सप्ताह में मात्र 26 जमीन की ही रजिस्ट्री हो सकी है. जमीन रजिस्ट्री में कमी आने से प्रतिदिन 20 से 25 लाख रुपये की सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. आलम यह है कि सरकार के नये आदेश के अनुसार अब जिनके नाम से जमाबंदी होगी वहीं जमीन की बिक्री कर सकेंगे. सरकार के इस आदेश से जमीन बिक्री में लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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