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बेगूसराय। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन के बरौनी थर्मल प्लांट में काम करने वाले कामगारों की समस्या के निराकरण के लिए गुरुवार को गेट मीटिंग किया गया। जिसमें सैकड़ों प्रभावित ग्रामीण एवं स्थानीय युवा शामिल हुए। गेट मीटिंग में भू-विस्थापित एवं प्रभावित ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि स्थानीय कामगारों की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर आस-पास के ग्रामीणों का आक्रोश काफी बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में यही आक्रोश एक भीषण क्रांति का रूप अख्तियार कर ले, इससे पहले केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह को इस पर ध्यान देना चाहिए। एनटीपीसी परिसर में मजदूर यूनियन के नाम पर भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के जिला मंत्री अपनी रोटी सेंकते आ रहे है। अब आए दिन भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री की गलत एवं गैर-जिम्मेदार टिपण्णी घोर निंदा है। उन्हें एसएनएस कंपनी के संबंध में अनाप-शनाप बयानबाजी से बचना चाहिए। पहले अपने गिरेबान में झांक कर देख लें, फिर किसी के संबंध में कोई गलत टीका-टिप्पणी करें।
संगठन के जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि एनटीपीसी को स्थानीय कामगारों का शोषण करने के बदले उन्हें रोजगार का अवसर प्रदान करना चाहिए। एनटीपीसी और उनके नीचे कार्यरत एजेंसी में जितने भी अस्थाई कर्मचारियों को बाहर से लाकर रखते हैं, उसमे पैसा लेकर काम देने का भी काम करते हैं। यह गलत है, स्थानीय सभी लोगों को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि संगठन की नींव ही किसान, मजदूर, शोषित, पीड़ित वर्ग हैं। हम आने वाले दिनों में भू-विस्थापित एवं प्रभावित ग्रामीणों के हक की लड़ाई जारी रखेंगे। बेगूसराय बिहार की औद्योगिक नगरी होने के बाबजूद भीषण त्रासदी झेल रही है। आम-आवाम आसपास लगे कल-कारखानों से पैदा प्रदूषण को झेलते आ रहे हैं, फिर भी ऐसा सौतेला व्यवहार अन्याय है। पढ़े-लिखे सूट बूट पॉलिश मारकर एसी का मजा लेने वाले लोग दुर्बल और लाचार कामगारों का शोषण बंद करें। गेट मीटिंग में मौजूद ग्रामीण बद्री प्रसाद सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा आदि राज्यों से यहां आकर अस्थाई तौर पर स्किल्ड और अन स्किल्ड कामगार काम कर रहे हैं लेकिन, भू-विस्थापित एवं प्रभावित ग्रामीण एनटीपीसी तथा आसपास लगे कल कारखानों में अस्थाई तौर पर भी रोजगार के लिए तरस रहे हैं।
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