बिहार

लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी ने गुर्दा दान करने पर कहा- ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा, उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं

Admin4
12 Nov 2022 10:08 AM GMT
लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी ने गुर्दा दान करने पर कहा- ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा, उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं
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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने बीमार पिता को गुर्दा दान करने के अपने फैसले के बारे में कहा, यह तो सिर्फ मांस का एक छोटा सा टुकड़ा है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की 40 वर्षीय बड़ी बहन रोहिणी सिंगापुर में रहती हैं. पिता लालू यादव को किडनी दान करने के उनके फैसले के बारे में लोगों को पता चलने के एक दिन बाद उन्होंने कई भावनात्मक ट्वीट किए.
पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज बुलंद करें:
उन्होंने ट्वीट किया कि मेरा तो मानना है की ये तो बस एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पापा के लिए देना चाहती हूं. रोहिणी ने कहा कि पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं. आप सब दुआ कीजिए की सब बेहतर तरीके से हो जाये और पापा फिर से आप सभी लोगों की आवाज बुलंद करें. आचार्य ने कहा कि जिस पिता ने इस दुनिया में मुझे आवाज दी. जो मेरे सबकुछ हैं, उनके लिए अगर मैं अपने जीवन का छोटा सा भी योगदान दे पाती हूं तो मेरा परम सौभाग्य होगा. रोहिणी ने कहा कि धरती पर भगवान माता-पिता होते हैं, इनकी पूजा सेवा करना हर बच्चे का फर्ज है.
आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूं:
उन्होंने अपने पिता की कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं. इनमें एक तस्वीर उनके बचपन की है जिसमें वह अपने पिता के गोद में बैठी दिख रही हैं. उन्होंने तस्वीर के साथ लिखा कि माता-पिता मेरे लिए भगवान हैं. मैं उनके लिए कुछ भी कर सकती हूं. आप सबकी शुभकामनाओं ने मुझे और मजबूत बनाया है. मैं भावुक हो गयी हूं. आप सबको दिल से आभार कहना चाहती हूं.
अदालत से अनुमति की आवश्यकता होती है:
प्रसाद और राबड़ी देवी की बेटी अब बहुप्रतीक्षित प्रत्यारोपण के लिए अपने पिता की यात्रा का इंतजार कर रही हैं. प्रसाद फिलहाल अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती के घर दिल्ली में हैं. चारा घोटाला के कई मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद वे वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं और उन्हें विदेश जाने के लिए अदालत से अनुमति की आवश्यकता होती है. वह पिछले महीने अपनी पुरानी गुर्दे की समस्याओं के लिए प्रारंभिक जांच के लिए सिंगापुर में थे, लेकिन दिल्ली में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत द्वारा देश से बाहर रहने के लिए तय की गई अवधि की समाप्ति से एक दिन पहले 24 अक्टूबर को उन्हें देश लौटना पड़ा था.
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