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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राज्य में सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के दोनों प्रमुख दल जदयू और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राज्य में सत्ताधारी गठबंधन एनडीए के दोनों प्रमुख दल जदयू और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बार फिर यह मांग उठाई। जदयू की इस मांग पर अब तक कुछ खास रुख नहीं दिखा रही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अब इसका विरोध किया है।
जायसवाल ने कहा कि केंद्र बिहार सरकार का पूरा सहयोग कर रही है लेकिन प्रदेश सरकार ही अपनी असफलताओं की वजह से राज्य का विकास नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से केवल एक करोड़ ज्यादा है। फिर भी बिहार को महाराष्ट्र से 31 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलते हैं। बंगाल भी बिहार की तरह पिछड़ा राज्य है लेकिन बिहार को उससे भी 21 हजार करोड़ रुपये ज्यादा मिलते हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा लाभ बिहार को हुआ है। पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनकी कमाई अलग से होती थी। अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बांटता है जिससे बिहार को 20 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ हुआ है। जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार को उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए। इससे रोजगार की स्थिति भी सुधरेगी और आय भी बढ़ेगी।
Deepa Sahu
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