बिहार

बिहार में कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर, कमला-बागपती भी उफनाई, बाढ़ का खतरा बढ़ा

Renuka Sahu
14 Jun 2022 6:05 AM GMT
Kosi river above danger mark in Bihar, Kamala-Bagpati also overflowing, increased flood risk
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फाइल फोटो 

बिहार में मानसून की दस्तक होते ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में मानसून की दस्तक होते ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल और सीमांचल में लगातार बारिश होने से सूबे की सभी बड़ी नदियां उफान पर हैं। कोसी नदी एक बार फिर से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कमला, गंडक और बागमती नदियां भी अलर्ट लेवल को पार कर गई हैं। अगर 24 घंटे के भीतर नेपाल में बारिश नहीं थमी तो, ये बागमती और गंडक का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर जाएगा।

गंडक नदी गोपालगंज के बाद मुजफ्फरपुर में जबकि कमला मधुबनी में खतरनाक ढंग से बह रही है। नदियों के जलस्तर को बढ़ता देख जल संसाधन विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने अपने इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है और तटीय इलाकों की चौकसी बढ़ा दी है।
नेपाल के तराई इलाके के साथ-साथ उत्तर बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में बीते 72 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। इस कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कोसी नदी सोमवार को सुपौल में खतरे के निशान को पार कर गई। इसका जलस्तर खतरे के निशान से 71 सेंटीमीटर ऊपर चला गया। सहरसा के बलुआबाजार ब्रिज और डुमरी में भी कोसी का जलस्तर लाल निशान के पास पहुंचने वाला है।
इसी तरह कमला बलान जयनगर और झंझारपुर, जबकि गंडक नदी मुजफ्फरपुर के रेवाघाट में लाल निशान की ओर बढ़ रही है। बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। पटना, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है।
वहीं, बागमती-अधवारा सीतामढ़ी और शिवहर में, घाघरा नदी सीवान और सारण में, खिरोई दरभंगा में लगातार उफान पर जा रही है। कोसी नदी खगड़िया में भी तेजी से ऊपर जा रही है। पिछले साल मानसून शुरू होते ही गंडक ने गोपालगंज में भारी तबाही मचाई थी। इसके बाद कोसी नदी ने कई इलाकों में बाढ़ के हालात बना दिए थे।
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