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पटना। बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक का नया आदेश एक बार फिर से सुर्खियों में है। शिक्षा सचिव के आदेश के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तो हो ही रहा है, लेकिन शिक्षकों की भी मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। के के पाठक ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का जिम्मा अपने कंधे पर उठा लिया है। हर रोज कोई ना कोई नए फरमान भी जारी किए जा रहे हैं। हालांकि कुछ फरमानों पर सियासत भी फुल स्पीड में हो रही है। आज फिर एसीएस केके पाठक ने एक नया फरमान जारी किया है। इस फरमान के तहत अब प्रधानाध्यापक को स्कूल के कबाड़ को बेचने जिम्मेदारी भी होगी और उससे मिलने वाली राशि को स्कूल के जीओबी खाते में जमा करवानी होगी। वही अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने निर्देश के बाद बांका शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र जारी किया है। इस पत्र में लिखा है कि उपर्युक्त विषयक अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग बिहार पटना द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में आपने विद्यालय के अनउपयुक्त (कबाड़) सामग्री अविलम्ब बेचकर प्राप्त राशि को विद्यालय के जीओबी खाता में जमा करें और प्राप्य राशि को वीसी के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को अवगत कराये। हाल ही में ऐसा ही एक और आदेश शिक्षा सचिव ने जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि मिड डे मील के तहत जो भी खाद्यान्न स्कूलों को दिया किया जाता है, उसके बोरे को बेचने की जिम्मेदारी भी अभी स्कूल के शिक्षकों की होगी। इस आदेश के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी चर्म पर है।
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