बिहार की राजधानी पटना (Patna) में पदस्थापित (तैनात) ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के आवास से जब्त 4.11 करोड़ रुपये की राशि रविवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के कार्यालय में पहुंच गई. सोमवार को डीआईजी निगरानी के खाते में जब्त की गई राशि जमा कराई जाएगी. शनिवार को लगभग 19 घंटे तक चली छापेमारी (Vigilance Raid) में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर (Drug Inspector) के ठिकानों से चार करोड़ 11 लाख कैश, एक किलो सोना, कई जमीनों के कागजात, बैंकों में जमा राशि और कई फोर व्हीलर जब्त किए. जितेंद्र कुमार 2011 में ड्रग इंस्पेक्टर की नौकरी पर आए थे. अपने 11 साल की नौकरी में उन्होंने करोड़ों की अवैध संपत्ति (Black Money) अर्जित की.
जितेंद्र कुमार मूल रूप से जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के दरियापुर गांव के मूल निवासी हैं. काली कमाई की बदौलत उन्होंने पटना के अलावा गया समेत कई अन्य शहरों में प्लॉट, मकान और फ्लैट खरीदे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर के आवास से चार करोड़ रुपये से ज्यादा की बरामदगी की गई है जो एक रिकॉर्ड है. जितेंद्र कुमार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने अभी तक 1.59 करोड़ से ज्यादा की आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था. लेकिन जांच में इतनी ज्यादा अवैध संपत्ति मिलना, खास कर ज्वेलरी के कारण इसकी संख्या में बढ़ोतरी होना तय है. सबसे बड़ी बात यह है कि छापेमारी में पटना के संदलपुर में मातृछाया अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 301 के कागजात भी मिले हैं. इससे पता चलता है कि उन्होंने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए दूसरे के नाम से भी संपत्ति खरीद रखी है.
इस मामले में भी ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और बेनामी एक्ट में कार्रवाई की जा सकती है. जितेंद्र कुमार के घर में मौजूद आधा दर्जन से अधिक गोदरेज की अलमारियों को जब खोला गया तो उसमें रखे बड़े-बड़े झोलों में 500 और 2000 के अलावा 200 और 100 रुपये के नोटों की गड्डियां मिलीं हैं. सभी झोलों में रखे गए नोटों को निकाल कर जब निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने गिनना शुरू किया तो नोटों का अंबार देख कर वो परेशान हो गये. इसके बाद नोट गिनने की दो मशीनें काम पर लगाई गई तब जाकर छह घंटे से भी अधिक समय के बाद 4.11 करोड़ रुपये की राशि को गिना जा सका.