Katihar: सीओ की कार्यप्रणाली और कर्मियों के द्वारा किए जा रहे कार्यों के खिलाफ जनप्रतिनिधि खुलकर बोले
कटिहार: कदवा प्रखंड मुख्यालय के सभागार में आयोजित प्रखंड स्तरीय बाढ़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की बैठक हंगामेदार रही. जनप्रतिनिधि काफी आक्रोशित थे. सीओ के खिलाफ जमकर गुस्सा फूटा. सीओ की कार्यप्रणाली और उनके कर्मियों के द्वारा किए जा रहे कार्यों के खिलाफ जनप्रतिनिधि खुलकर बोले. सीओ के खिलाफ नारे लगाए. दो घंटे चली बैठक बिना किसी नतीजे पर आए स्थगित हो गया.
मामला बैठक में बाढ़ से संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति से उठी. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बाढ़ पूर्व तैयारी जैसे महत्वपूर्ण बैठकों में विद्युत, सड़क, पानी, ,पुलिस, पंचायती राज पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का नहीं होना चिंताजनक है. जबकि इन्ही लोगों के जिम्मे बाढ़ का 90 प्रतिशत भार होता है.
जब जिम्मेदार ही लापरवाह है ऐसी परिश्थिति में बैठक का क्या मतलब रह जाएगा. बैठक में करीब दो घंटे तक हो हंगामा चलता रहा. अंचलाधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधियों को सम्मान नही दिए जाने, एमएलसी प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य को पत्र निर्गत कर सूचित नही करने का मुद्दा भी छाया रहा. अंचलाधिकारी के मनमानी रवैये पर जनप्रतिनिधि काफी आक्रोशित रहे. उनका कहना था कि अंचलाधिकारी के कर्मियों व बिचौलियों की मदद से म्यूटेशन नामांतरण परिमार्जन आदि पर आम जनों से काफी रिश्वतखोरी की जाती है. आंगनवाड़ी में प्रति केंद्र पर ₹3500 महिला पर्यवेक्षिका द्वारा वसूली की जाती है. दो घंटे तक चली बैठक के बाद जनपतिनिधि बैठक को स्थगन करने व अगले तिथि निर्धारित करने की बात पर आ गए. इस बात को अंचलाधिकारी ने नहीं माना. इससे जनप्रतिनिधि काफी आक्रोशित हो गए. बैठक स्थल से बाहर निकलकर लगभग मिनट तक सभी दलों के जनप्रतिनिधि ने कदवा सीओ के खिलाफ नारे लगाते रहे. इसके बाद जनप्रतिनिधिगनो ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. अंचलाधिकारी मयंक आशुतोष आनंद ने बताया कि बाढ़ से संबंधित कई पदाधिकारी की अनुपस्थिति के कारण उन्हें आक्रोश झेलना पड़ा. उन सभी पदाधिकारी से शो कॉज पूछा जाएगा.