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अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा
बिहार अब मुंह के कैंसर के मरीजों को बायोप्सी कराने के लिए पटना या दिल्ली का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध हो गई है. अब मरीजों के लिए नियमित रूप से बायोप्सी जांच की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर जिले के सदर अस्पताल में होमी भाभा के डॉक्टर के द्वारा बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है.
बीपीएल कार्ड व आयुष्मान भारत कार्ड वाले लोगों की कैंसर की बायोप्सी पूरी तरह से निशुल्क रखी गई है. लेकिन, जिन लोगों के पास ये कार्ड नहीं हैं उनके लिए शुल्क 350 रुपया निर्धारित किया गया है. जो निजी संस्थानों से काफी कम है. इस सुविधा के शुरू हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी. उन्होंने कहा कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है. सदर अस्पताल में सर्वप्रथम जिले के एक व्यक्ति की बायोप्सी की गयी. जहां मौके पर सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक मौजूद थे. डॉ अविनाश ने बताया कि बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है. इसके लिए मरीज के मुंह के अंदर प्रभावित इलाकों से टिशू नमूने के रूप में लिए जाते हैं. जिसके बाद मशीन से उसकी जांच होती है. हालांकि, बायोप्सी कई प्रकार की होती है. कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है. डॉ अविनाश ने बताया कि जिले में अभी तक कुल 18 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है. इसमें कैंसर के लक्षण वाले 10 मरीज मिले हैं. वहीं 150 फॉलोअप में रखा गया है.
कैसे करें मुंह के कैंसर की लक्षण से पहचान
सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया कि मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है. यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेनी चाहिए. यह कैंसर का संकेत हो सकता है. होठ या मुंह का घाव जो ठीक न हो रहा हो. मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग का पैच नजर आना. दांतों में कमजोरी. मुंह के अंदर गांठ जैसा अनुभव होना, इसमें होने वाला दर्द. निगलने में कठिनाई या दर्द. मुंह से अक्सर बदबू आते रहने की समस्या.
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