Katihar: किसानों द्वारा मिट्टी जांच कराने के मामले में जागरुक नहीं
कटिहार: जिले में किसानों द्वारा मिट्टी जांच कराने के मामले में जागरुक नहीं होने के कारण अपने खेतों में अनावश्यक रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर रहे हैं. जिसके कारण उत्पादन में कोई खास इजाफा नहीं होने के साथ-साथ खेत बंजर होता जा रहा है. जबकि सरकार एवं कृषि विभाग ने फसल उत्पादन बढाने के लिए मिटटी के नमूने की जांच को बढावा दिया है. जिससे मिट्टी की प्रकृति के मुताबिक उर्वरकों का उपयोग कर फसल उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जा सके. इस बार 15 हजार मिट्टी के नमूने के जांच का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 13 हजार 512 नमूना संग्रह हुआ है. इसमें से सिर्फ 7722 नमूने का ही लैब में जांच हुआ है.
विभाग द्वारा किसानों के बीच जागरुकता अभियान सही तरीके से नहीं किये जाने के कारण अभी भी किसान परम्परिक तरीके से खेती कर रहे हैं. . कृषि विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में तीन साल का खाका तैयार किया गया है. जिसमें क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त फसलों का निर्धारण एवं उत्पादन की क्षमता का निर्धारण किया जा रहा है.
231 राजस्व गांव में 15 हजार लेना है नमूना: इस बार चालू वित्तीय वर्ष में बांका जिले को करीब 231 राजस्व ग्रामों के 15 हजार मिटटी के नमूनों की जांच का टास्क दिया गया है. जिसमें 13 हजार 512 मिट्टी का नमूना जिले से संग्रह किया गया है. वहीं 7722 नमूना प्रयोगशाला में जांच किया जा रहा है.
12 मानक पर की जा रही मिट्टी के नमूनों की जांच: सरकार एवं कृषि विभाग की ओर से मिटटी के नमूनों की जांच के लिए 12 तरह के मानक तय किये गये हैं. इसमें खासकर मिटटी जांच के लिए सरकार की ओर से जारी मानक के मुताबिक मिटटी में उपलब्ध इसी, ऑर्गेनिक कार्बन, नाइट्रोजन, फासफोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, बोरोन, आयरन, मैग्नीज व उपलब्ध कॉपर के मात्रा की जांच की जा रही है. सॉयल फर्टिलिटी मैप होगा तैयार मिटटी की सेहत सुधारने के लिए इस बार कृषि विभाग की ओर से सॉयल फर्टिलिटी मैप तैयार किये जाएंगे.
कृषि विभाग की ओर से सॉयल फर्टिलिटी मैप तैयार किये जाएंगे. चालू वित्तीय वर्ष में जिले के करीब 231 राजस्व ग्रामों से 15 हजार मिटटी के सैंपलों की जांच की जानी है. अब तक 13512 सैंपल कलेक्ट किये गये हैं. साथ ही प्रयोगशाला में कुल 7722 नमूनों की जांच तेजी से की जा रही है. मिट्टी के नमूनों की जांच के लिए किसान चौपाल के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जा रहा है. -इन्द्रजीत कुमार मंडल, सहायक निदेशक रासायन मिट्टी जांच प्रयोगशाला, कटिहार