बिहार

पत्रकार की गोली मारकर हत्या

Admin4
10 Aug 2022 5:36 PM GMT
पत्रकार की गोली मारकर हत्या
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जमुईः बिहार में एक बार फिर एक पत्रकार की गोली मारकर अपराधियों ने हत्या कर (Journalist Gokul Yadav Murder) दी. ताजा मामला जमुई जिले के सिमुलतला थाना क्षेत्र के गोपलामारन गांव के पास की है, जहां अपराधियों ने 36 वर्षीय गोकुल यादव को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. वारदात के बाद स्थानीय लोग उन्हें झाझा रेफरल अस्पताल लेकर जा रहे थे, रास्ते में ही उनकी मौत (Journalist Murder In Jamui) हो गई. मिल रही जानकारी के अनुसार अपराधियों ने नजदीक से सिर और सीने में एक के बाद एक कई गोलियों दाग दी. मौके से पुलिस ने पांच खोखा बरामद किया है. मृतक का संबंध एक दैनिक समाचार पत्र से बताया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.

घर से दवाई लाने जा रहा था बाजारः पत्रकार गोकुल कुमार मूल रूप से थाना सिमुलतला के लीलावरण गांव के निवासी बताये जा रहे हैं. गोकुल कुमार के पिता नरेंद्र यादव ने बताया कि घर से दवाई लेने के लिए निकला थे. रास्ते में गोपलामारन गांव के निकट पहले से घात लगाये बाइक सवार दो अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें दो गोली सिर में और एक गोली छाती में लगी है. मृतक के पिता ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था.

इलाके में अपराधी बेलगामः अस्पताल में पत्रकारों की ओर सिमुलतला पुलिस थाना प्रभारी विद्यानंद से जब पूछा गया कि क्या क्षेत्र में अपराधी बेलगाम हो गए है? इस तरह से दिनदहाड़े हत्या कर दी जा रही है? अपराधी खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं ? इस पर थाना प्रभारी ने कहा कि अपराधी बेलगाम नहीं हैं. इस लगाम लगाया जायेगा.

पंचायत चुनाव लड़ना पड़ा भारीः मृतक के मामा श्यामदेव यादव ने बताया कि गोकुल को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई. हमलोगों को जानकारी मिली तो हॉस्पीटल पहुंचे तो खून से लथपथ उसका शव पड़ा हुआ था. दिन के 11 बजे लगभग गोली मारी गई थी. श्यामदेव यादव ने बताया कि गोकुल मुखिया चुनाव लड़ा था. चुनाव लड़ने के बाद उसे धमकी मिल रही थी तुमको उठा लेंगे. हमलोगों ने उसको समझाया था कि मुखिया चुनाव मत लड़ो, लेकिन उसने नहीं माना. वह बोलता था ऐसा थोड़े करेंगे की वे मार ही देंगे. वह बोलता कि मैं मीडिया से जुड़ा हूं. हमारे से ऐसा थोड़े करेगा अपराधी.

250 वोट से हार गई थीं मृतक की पत्नीः बता दें कि मृतक की पत्नी मुखिया का चुनाव लड़ी थीं. 900 वोट लगभग आया था और लगभग 200-250 वोट से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. श्यामदेव यादव ने बताया कि गार्जियन होने के नाते हम समझाते थे, लेकिन बोलता था इतना हिम्मत नहीं करेगा. हमलोगों की अनहोनी का अंदेशा था. आज सच हो गया.

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