बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से रविवार सुबह एक बड़ी सामने आ रही है। खबर बड़ी इसलिए है कि 150 फीट बोरवेल में चार साल का एक बच्चा गिर गया है और यहां संसाधन इतने नहीं कि उसकी जान बचाने के लिए तत्काल बहुत कुछ हो सके। बच्चा बोरवेल में किस गहराई पर फंसा है, यह भी अंदाजा ही लगाया जा रहा है। सिलाव प्रखंड में नालंदा थाना क्षेत्र के कुल भदारी गांव में यह घटना हुई है। ग्रामीणों ने अपने स्तर से रेस्क्यू शुरू किया है। सिलाव के सीओ और नालंदा थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव के लिए लग गए हैं।
बोरवेल में ऑक्सीजन सप्लाई दी, बगल में खुदाई शुरू
घटना की सूचना फैलने के करीब एक घंटे बाद साढ़े दस बजे बोरवेल में मेडिकल सिलेंडर के पाइप से ऑक्सीजन देना शुरू किया गया है। चुहन सिंह के खेत में यह बोरवेल फेल हो जाने के बाद मजदूरों ने उसे तार के पत्ते से ढंक दिया गया था। डोमन मांझी का चार साल का बेटा शिवम कुमार अपनी मां के पीछे-पीछे खेत की ओर आ गया था। मां को पता नहीं चला और बच्चा पत्ते के पास खेलने के चक्कर में बोरवेल में जा गिरा। उसके रोने की आवाज सुन भीड़ जुटी तो बोरवेल तक लोग पहुंचे। इसके बाद गांव वालों ने अपने स्तर से खुदाई शुरू कर दी। करीब साढ़े 10 बजे से दो जेसीबी की मदद से बगल में खुदाई कर बच्चे को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। पौने 11 बजे के करीब घटनास्थल पर जिला आपदा शाखा प्रभारी कृष्ण कुमार उपाध्याय भी पहुंच गए। पटना से एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है।
संडे के कारण राहत, पटना से ढाई घंटे में पहुंच सकेगी टीम
रविवार होने के कारण सड़कों पर राहत है, इसलिए पटना से घटनास्थल में आपदा प्रबंधन की विशेष टीम बहुत तेजी से चले तो ढाई घंटे में पहुंच सकती है। बोरवेल के आसपास गैर-विशेषज्ञता वाले लोग फिलहाल अपनी हिम्मत दिखाते हुए जान बचाने के लिए खुदाई में लगे हैं। विशेषज्ञों का दल आएगा तो पता चलेगा कि बच्चा कितनी गहराई में जाकर अटका है। बारिश नहीं होने के कारण आपदा प्रबंधन टीम के लिए काम करना तो आसान होगा, लेकिन गर्मी के कारण चार साल के बच्चे का बोरवेल में दम घुट रहा होगा। अभी यह अनुमान भी नहीं लगाया जा सका है कि उसकी मौजूदा स्थिति कैसी है।