मुंगेर: भारतीय रेल में सबसे पहला और बड़ा सौर संयंत्र कारखानों में अब जमालपुर कारखाना का नाम दर्ज हो गया है. अपनी कुशलता के दम पर लक्ष्य के अनुरूप कारखाने ने पूरे शॉप व कार्यालयों को सौर संयंत्रों से लैस किया है. जमालपुर वर्कशॉप पूर्वी रेलवे के भीतर नवाचार और स्थिरता का एक प्रतीक बन गया है. वहीं कारखाना अब 3.7 मेगावाट की क्षमता के साथ खड़ा है. तथा अभूतपूर्व उपलब्धि नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाने की दिशा में मील का पत्थर बनकर उभर रहा है.
गौरतलब है कि नेट-मीटरिंग पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत भारतीय रेलवे के भीतर एक ही स्थान पर सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना पूर्वी रेलवे की टिकाऊ ऊर्जा प्रथाओं के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है. करीबअ 5.43/केडब्लूएच की किफायती दर पर टैरिफ सेट के साथ, यह पहल पूर्वी रेलवे के बिजली उत्पादन के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव है.
हम भारतीय रेलवे नेटवर्क में सबसे बड़े सौर संयंत्र के सफल कमीशनिंग की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं. जमालपुर कारखाना ने इस उपलब्धि ऊर्जा प्रबंधन में स्थिरता और नवाचार के प्रति हमारे समर्पण का प्रमाण दिया है. पहल हमारे रेलवे परिचालन के लिए हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
-कौशिक मित्रा, सीपीआरओ, पूर्वी रेलवे
कारखानों को 1.28 करोड़ की होगी बचत
जमालपुर कारखाना अब इस सौर संयंत्रों से जहां प्रतिवर्ष अनुमानित 4321 टन कार्बन उत्सर्जन को निष्क्रिय करेगा. वहीं सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रति वर्ष लगभग 54 लाख यूनिट बिजली पैदा करेगा. वहीं 60-70 प्रतिशत बिजल की खपत कम होगी. इसका परिणाम यह होगा कि कारखाना एसबीपीडीसीएल टैरिफ के आधार पर 1.28 करोड़ बचत करेगा. कारखाना प्रशासन ने इस सौर संयंत्रों में नई क्रांतिकारी कार्य करते हुए इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टरेट जनरल (ईआईजी) से अपेक्षित अनुमोदन के बाद, जमालपुर वर्कशाप में विद्युत विभाग ने आधिकारिक तौर पर 33 केवी पर सौर ऊर्जा संयंत्र को राज्य डिस्कॉम (एसबीपीडीसीएल) से जोड़ा है.