न्यूज़क्रेडिट:आजतक
बिहार में दमदार विपक्ष के रूप में राजद की उपस्थिति बनी हुई है. प्रदेश में नए अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. पार्टी तेजस्वी यादव और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में कमोवेश अपनी बेहतर स्थिति में है. तेजस्वी ने हाल ही में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायकों को राजद में मिलाकर जबरदस्त उठापटक में अहम भूमिका निभाई है.
फिलहाल, प्रदेश अध्यक्ष कोई भी हो, ये सबको पता है कि राजद की राजनीतिक कमान के असली हकदार और उस पर अधिकार रखने वाला लालू परिवार ही है. ताजा मामला पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष का है, जिनका चुनाव 21 सितंबर को होना है. सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया 16 अगस्त से शुरू होगी. ऐसे में पार्टी अगला प्रदेश अध्यक्ष उसे ही बनाएगी, जो राजद की सियासी रफ्तार को गति दे सके और संगठन को मजबूत कर सके.
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और तेज प्रताप यादव की आंखों के किरकिरी रहे जगदानंद सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इस पद पर पार्टी अब आगे किसे बिठाए, इसे लेकर लालू परिवार में मंथन का दौर जारी है. हालांकि लालू अब तक बड़े फैसले लेते रहे हैं, लेकिन तेजस्वी परिपक्व होने के साथ पार्टी के फैसलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं.
तेजस्वी धीरे-धीरे सियासत में बना रहे पैठ
बताया जा रहा है कि लालू भी अब अपना राजनीतिक फैसला तेजस्वी से पूछकर ही लेते हैं. तेजस्वी पार्टी में अनुशासन और सबकी सहभागिता जैसी बातों को लेकर चल रहे हैं और पार्टी इसी रफ्तार से आगे बढ़ रही है. तेजस्वी में तेज भागने की उत्कंठा नहीं है. वो धीरे-धीरे ही बिहार की सियासत में अपनी जगह बना रहे हैं.
समीकरणों को बदलने में लगे तेजस्वी
राजद के सूत्रों की मानें तो पार्टी उस व्यक्ति को अध्यक्ष बनाएगी, जिसका पार्टी नेताओं से और लालू परिवार से बेहतर तालमेल होगा. इस मामले में पहले रामचंद्र पूर्वे काफी सटीक थे. जो लालू के कहे अनुसार चलते थे. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, खोजबीन लगातार चल रही है. बहुत जल्द कोई नया चेहरा सामने आएगा. तेजस्वी पार्टी में कई समीकरणों को बदलने में जुटे हैं.
नए चेहरे पर भी दांव खेल सकती है पार्टी
उन्हें MY के परंपरागत समीकरण को सुरक्षित रखते हुए भूमिहार और राजपूत के साथ यादवों की ट्यूनिंग बिठाने के लिए भी जाना जा रहा है. जैसा उन्होंने विधान परिषद चुनाव में किया. कहा जा रहा है कि तेजस्वी विधान परिषद वाले फॉर्मूले को प्रदेश अध्यक्ष पर भी लागू कर सकते हैं और नया नाम सबको चौंका सकता है. पार्टी सूत्रों का मानना है कि नये चेहरा युवा होगा और उसमें बिहार की जनता की नब्ज के साथ संगठन की नब्ज पकड़ने की क्षमता होगी.
सवर्ण समाज को जगह देने पर भी विचार
सियासी जानकारों के मुताबिक, तेजस्वी यादव सवर्ण समाज पर भी अपना विश्वास जता सकते हैं. उन्हें अब भूमिहार और राजपूत से परहेज नहीं है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की जगह जो भी आएगा, वो बिल्कुल सवर्ण होगा. तेजस्वी अब बिहार की सियासत को गंभीरता के साथ समझ रहे हैं. एमएलसी चुनाव में मिली सफलता ने तेजस्वी को परिवक्व बनाया है, उन्हें जातीय गणित के हिसाब से फैसले लेने में अब कोई हिचक नहीं है.
11 अक्टूबर को प्रदेश अध्यक्ष संभाल लेंगे जिम्मेदारी
तेजस्वी MY समीकरण की परंपरा से बाहर निकलकर फुल फ्लेज राजनीतिक बैटिंग करने में विश्वास रखते हैं. पार्टी के पदाधिकारियों का चुनाव 16 अगस्त से शुरू होगा. बिहार समेत अन्य प्रदेश अध्यक्षों को 21 सितंबर को चुना जाएगा और 11 अक्टूबर को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. 11 अक्टूबर तक नये अध्यक्ष अपने कुर्सी पर होंगे.