पटना न्यूज़: आगामी लोकसभा चुनावों के लिए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) में सीट बंटवारे को लेकर ज्यादा मुश्किल नहीं आने की उम्मीद है. कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि लोकसभा की तीन चौथाई से ज्यादा सीट पर स्थिति साफ है.
गठबंधन की अगली बैठक मुंबई में तय है. यह बैठक स्वतंत्रता दिवस के बाद होने की संभावना है. इस बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा होने की उम्मीद नहीं है, पर घटक दल राज्यवार आकलन करने में जुट गए हैं. भाजपा के खिलाफ एकता को लेकर इंडिया गंभीर है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, बिहार, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, और तमिलनाडु में कांग्रेस गठबंधन में हैं. इन पांचों राज्यों में 161 सीट हैं. बिहार में जेडीयू और महाराष्ट्र में शिवसेना चुनाव के बाद गठबंधन में शामिल हुईं. इसके बावजूद सीट बंटवारे में कोई खास मुश्किल नहीं होगी. केरल में कांग्रेस यूडीएफ गठबंधन में है और इसी गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.
31 राज्यों की करीब 400 सीटें पहले तय होंगी असम और गोवा में तृणमूल कांग्रेस की मौजूदगी है, पर इन दोनों राज्यों में गठबंधन पश्चिम बंगाल पर निर्भर करेगा. इसी तरह गुजरात में आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी दिल्ली और पंजाब से तय होगी. वरिष्ठ नेता के मुताबिक, पहले उन राज्यों में सीटवार चर्चा करेंगे, जहां घटक दल पहले से गठबंधन में हैं. देश के 31 राज्यों की करीब 400 सीट पर चर्चा करने के बाद यूपी, बंगाल, पंजाब, दिल्ली और जम्मू कश्मीर पर चर्चा होगी. इन चारों राज्यों में लोकसभा की 147 सीट हैं. पटना और बेंगलुरु में बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सकारात्मक रुख से गठबंधन की उम्मीद बढ़ी है, पर वामदलों की वजह से कुछ मुश्किल हो सकती है.
235 सीट पर कांग्रेस का पलड़ा ज्यादा भारी
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, असम और पूर्वोत्तर के राज्यों की 235 सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी है. एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा सहित दक्षिणी राज्यों में इंडिया में शामिल अन्य दलों का खास जनाधार नहीं है. ऐसे में इन सीट पर कांग्रेस का दावा मजबूत हैं.
दिल्ली और पंजाब पर चर्चा के बाद फैसला
दिल्ली और पंजाब में प्रदेश कांग्रेस ‘आप’ के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं. प्रदेश कांग्रेस नेताओं से चर्चा के बाद कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर है, इसलिए वह खुले दिल के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा करेगी पर इसके लिए दूसरे घटक दलों को भी कांग्रेस की तरह बड़ा दिल दिखाना होगा.