न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
विधानसभा में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम क्रिकेटर हैं और इस जोड़ी (राजद और जदयू) की कभी न खत्म होने वाली साझेदारी होने वाली है। यह सबसे लंबी पारी होने जा रही है, यह साझेदारी बिहार और देश के विकास के लिए काम करेगी।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा राज्य में डरती है या हारती है, तो वह अपने तीन 'जमाई' सीबीआई, ईडी और आईटी को आगे रखती है। जब मैं विदेशों में जाता हूं, तो बीजेपी मेरे खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करती है। जब नीरव मोदी जैसे धोखेबाज भाग जाते हैं, तो वे कुछ नहीं करते हैं।
विधानसभा में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम क्रिकेटर हैं और इस जोड़ी (राजद और जदयू) की कभी न खत्म होने वाली साझेदारी होने वाली है। यह सबसे लंबी पारी होने जा रही है, यह साझेदारी बिहार और देश के विकास के लिए काम करेगी। इस बार कोई रन आउट नहीं हो रहा। भाजपा की सबसे बड़ी पीड़ा 2024 का डर है।
विधानसभा में बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा कि BJP के साथ रहे तो राजा हरिश्चंद्र बन जाएंगे और हाथ छोड़ देंगे तो भ्रष्टाचारी। मैं विदेश जाता हूं, तो मुझ पर लुकआउट नोटिस लगता है, लेकिन मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, ललित मोदी और विजय माल्या पर लुकआउट नहीं था। ये हजारों करोड़ लेकर भाग गए।
इससे पहले लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में बिहार समेत दिल्ली व हरियाणा के 25 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा। सीबीआई आज सुबह राजद के चार बड़े नेताओं के घर भी पहुंची थी। इस बीच खबर है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की संपत्तियों की जांच के लिए उनसे जुड़े ठिकानों पर भी सीबीआई की टीम पहुंची है। हालांकि विधानसभा में बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि मेरा इससे कोई संबंध नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम के सेक्टर-71 स्थित अर्बन क्यूब्स मॉल में भी सीबीआई की टीम पहुंची है। मॉल अभी निर्माणाधीन है। टीम के सुबह 10 बजे के आसपास पहुंचने की प्राथमिक सूचना है। कथित तौर पर मॉल में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की हिस्सेदारी है। अर्बन क्यूब सेक्टर-71 म़ॉल का निर्माण व्हाइट लैंड कार्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है।
नौकरी देने के बदले जमीन लेने का आरोप
दरअसल, ये मामला साल 2004-2009 के रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब उस समय नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। चूंकि, पैसे लेने में रिस्क था इसलिए नौकरी के बदले जमीन ही ली जाती थी। वहीं इस तरह के अवैध काम को अंजाम देने के लिए लालू के उस समय के OSD भोला यादव को ही जिम्मेदारी दी गई थी।