पटना: जिले के मध्य विद्यालयों में पदस्थापित स्नातकोत्तर/स्नातक योग्यताधारी स्नातक (प्रशिक्षित) शिक्षकों को अपने ही वेतनमान में एचएम के रिक्त पद पर पूर्णकालिक रूप से कार्य करने के लिए पदस्थापित करने में अनियमितता व गड़बड़ी मामले की जांच होगी. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीई) विनय कुमार ठाकुर ने डीईओ राजकुमार से 13 तक एचएम प्रदस्थापन संबंधी संचिका की मांग की है. डीईओ को भेजे गये पत्र में कहा है कि जनप्रतिनिधियों व शिक्षकों ने आपके (डीईओ) व एक कर्मी के विरुद्ध एचएम प्रोन्नति में बरती गयी घोर अनियमितता व लापरवाही का आरोप लगाकर परिवाद दायर किया है.
प्रोन्नति मामले की जांच कर दोषी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोघ किया है. कहा है कि विभागीय नियम की अनदेखी कर लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने की पूर्व संध्या मार्च 24 को कनीय शिक्षकों को निकट का विद्यालय व मनमाने विद्यालय में पदस्थापित करने और अन्य गंभीर आरोप लगाये हैं. कहा है कि सितंबर 23 तक ही प्रोन्नति कार्य निपटाने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन, निर्धारित अवधि में अधिकारियों ने एचएम प्रोन्नति कार्य पूरा नहीं किया.
रोक के बावजूद हुई प्रोन्नति : माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने 11 नवंबर 23 को आरडीडीई और डीईओ को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग के कर्मियों व शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति, पदस्थापन व स्थानान्तरण पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया था. बावजूद, आदेश को दरकिनार कर मार्च 24 को बड़ी संख्या में शिक्षकों को एचएम के पद पर पदस्थापन कर दिया गया. निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा था कि आरडीडीई व डीईओ के द्वारा बड़ी संख्या में शिक्षकों और कर्मियों की प्रतिनियुक्ति व स्थानान्तरण किया जाता है. इससे विद्यालय के पठन-पाठन व कार्यालय का कार्य प्रभावित होता है. ऐसे में अगले आदेश तक सभी स्कूलों के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों की प्रतिनियुक्ति पर रोक लगायी जाती है.