प. चंपारण : 17 तारीख को बेतिया जिले में 'अग्निपथ' के नाम पर हुए उपद्रव में कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता सामने आ (Betiah Police Action In Agnipath Protest) रही हैं. बेतिया एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा (Betiah SP Upendra Nath Verma) ने बताया है कि उपद्रव मामले में 72 नामजद अभियुक्तों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जिसमें 30 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि कई लोगों को पुलिस चिन्हित कर चुकी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी भी कर रही है. 28 लोगों को पुलिस ने डिटेन भी किया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है.
बता दें कि 17 जून को बेतिया में उपद्रवियों ने उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के घर पर हमला बोला था. मामले में पुलिस अभी तक 30 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया, ''पुलिस तरह-तरह से सूचना इकट्ठा कर रही हैं. सूचना इकट्ठा करने के लिए कई माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उपद्रव मामले में कोचिंग संस्थानों की संलिप्तता सामने आई है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है.''जब अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े थे संजय जायसवाल : बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर पर जब हमला हुआ तो वह अपनी ही सरकार पर बिफर पड़े. उन्होंने कहा था कि यह प्रशासन की विफलता है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि जिस तरह प्रशासन की भूमिका रही है वह भी अच्छी नहीं रही है. प्रशासन का काम होता है शांति बनाना. बीजेपी के मधेपुरा कार्यालय को जलाया गया, वहां 300 पुलिसकर्मी थे, सभी दर्शक बनकर बैठे रहे. नवादा में भी बीजेपी कार्यालय तोड़ा गया, वहां भी पुलिस थी. कहीं न कहीं प्रशासन की दयनीय स्थिति रही.यह पूरी तरह एक साजिश है. जिस तरह खास पार्टी के दफ्तरों को टारगेट बनाकर जलाया गया, वह गलत है. हमलोग भी प्रशासन का हिस्सा हैं. जो हो रहा है वह बहुत गलत हो रहा है. जिस तरह बिहार में हो रहा है वह हिंदुस्तान में कहीं नहीं हो रहा है.
कोचिंग सेंटरों की भूमिका पर उठे थे सवाल: गौरतलब है कि अग्निपथ' की आग में पूरा बिहार जल रहा (Agnipath scheme protest) था. ऐसे में यह सवाल उठ रहा था कि ये सिर्फ छात्रों का प्रदर्शन है या फिर इसके पीछे कोई और है. इसी बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह (Patna DM Chandrashekhar Singh) ने बड़ा खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल उपकरणों पर कुछ कोचिंग सेंटरों के वीडियो फुटेज और व्हाट्सएप संदेश मिले है. हम उस सामग्री के आधार पर कोचिंग सेंटरों की भूमिका की जांच कर रहे हैं. जिसेक बाद ये कार्रवाई की गई है.